प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM Kisan Samman Nidhi) योजना को लेकर एक बड़ा अपडेट सामने आया है। केंद्र सरकार ने इस योजना में पारदर्शिता बनाए रखने और वास्तविक किसानों तक लाभ सुनिश्चित करने के लिए व्यापक स्तर पर जांच अभियान शुरू किया है।
जांच के दौरान कई ऐसे लाभार्थी सामने आए हैं जो योजना के नियमों का उल्लंघन करते हुए दोहरी तरह से फायदा उठा रहे थे। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अब तक करीब 31.01 लाख किसानों को संदिग्ध सूची में रखा गया है।
यदि जांच में ये लाभार्थी अपात्र पाए जाते हैं, तो इन्हें योजना से बाहर कर दिया जाएगा और अब तक प्राप्त राशि की वसूली की कार्रवाई भी की जा सकती है।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना देश के करोड़ों किसानों को आर्थिक सहायता देने के उद्देश्य से दिसंबर 2018 में शुरू की गई थी। इस योजना के तहत पात्र किसानों को हर वर्ष ₹6,000 की सहायता राशि तीन समान किस्तों में सीधे बैंक खाते में ट्रांसफर की जाती है।
लेकिन हाल के महीनों में सरकार को ऐसी शिकायतें मिलने लगीं कि कई राज्यों में फर्जी पंजीकरण के माध्यम से दोहरी या गलत जानकारी देकर योजना का लाभ लिया जा रहा है। इसलिए कृषि मंत्रालय ने सभी राज्यों को निर्देश जारी करते हुए सत्यापन अभियान चलाने को कहा है।
जांच में सबसे बड़ी अनियमितता यह पाई गई है कि कई परिवारों में पति और पत्नी दोनों को लाभार्थी के रूप में पंजीकृत किया गया था।
जबकि योजना के नियमों के अनुसार, एक ही परिवार (पति, पत्नी और नाबालिग बच्चों सहित) को केवल एक बार ₹6,000 प्रति वर्ष की राशि का ही लाभ मिल सकता है।
कृषि मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक, अब तक 19.02 लाख मामलों का सत्यापन पूरा किया जा चुका है, जिनमें से 17.87 लाख मामले ऐसे पाए गए हैं, जहां दोनों पति-पत्नी योजना का लाभ ले रहे थे — यानी लगभग 94% मामले में नियमों का उल्लंघन।
केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने सभी राज्य सरकारों को पत्र भेजकर स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि 15 अक्टूबर तक वेरिफिकेशन ड्राइव पूरी की जाए।
अगर किसी राज्य ने निर्धारित समय में जांच पूरी नहीं की, तो आगामी किस्त जारी करने में देरी हो सकती है। मंत्रालय ने यह भी कहा है कि अपात्र पाए जाने वाले किसानों के नाम तुरंत हटाए जाएं और गलत तरीके से प्राप्त धनराशि की वसूली सुनिश्चित की जाए।
यह कदम सरकार की “Zero Tolerance Policy” को दर्शाता है, जिसके तहत किसी भी प्रकार की फर्जीवाड़ा या धोखाधड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
कृषि मंत्रालय ने किसानों से अपील की है कि वे स्वयं अपने दस्तावेजों और डेटा का सत्यापन जल्द से जल्द करवाएं।
यदि किसी किसान परिवार में पति और पत्नी दोनों को योजना का लाभ मिल रहा है, तो उन्हें स्वेच्छा से अपनी जानकारी अपडेट करनी चाहिए।
किसान अपने नजदीकी CSC केंद्र, कृषि विभाग कार्यालय या पीएम किसान की आधिकारिक वेबसाइट (pmkisan.gov.in) पर जाकर अपने e-KYC, आधार लिंकिंग और भू-अभिलेख सत्यापन की प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं।
जो किसान यह प्रक्रिया समय पर पूरी नहीं करेंगे, उन्हें अगली किस्त से वंचित होना पड़ सकता है।
देशभर के करोड़ों किसानों को अब 21वीं किस्त का इंतजार है।
जानकारी के अनुसार, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, पंजाब और उत्तराखंड जैसे बाढ़ प्रभावित राज्यों में राहत के रूप में यह किस्त पहले ही जारी कर दी गई है।
वहीं अन्य राज्यों में सत्यापन प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही अगली किस्त जारी की जाएगी।
यदि सभी राज्य समय पर रिपोर्ट भेज देते हैं, तो संभावना है कि दिवाली से पहले किसानों के खातों में ₹2,000 की राशि पहुंच सकती है।
हालांकि जांच अभियान चलने के कारण कुछ राज्यों के किसानों को नवंबर तक का इंतजार भी करना पड़ सकता है।
केंद्र सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि पीएम किसान योजना का लाभ केवल वास्तविक और पात्र किसानों को ही मिलेगा।
यदि किसी किसान ने झूठे दस्तावेज, गलत जानकारी या फर्जी पहचान के आधार पर लाभ प्राप्त किया है, तो उसका नाम योजना से तुरंत हटाया जाएगा।
साथ ही उस पर सरकारी धन की वसूली और कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है।
कृषि मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि यह कदम ईमानदार किसानों के हितों की रक्षा के लिए आवश्यक है, ताकि सरकारी सहायता उन्हीं तक पहुंचे जो वास्तव में इसकी पात्रता रखते हैं।
पीएम किसान योजना किसानों के कल्याण की दिशा में सरकार की सबसे बड़ी पहल है, लेकिन इस योजना की पारदर्शिता बनाए रखना भी उतना ही जरूरी है।
सरकार के अनुसार, जो किसान ईमानदारी से खेती कर रहे हैं और नियमों का पालन कर रहे हैं, उन्हें किसी भी प्रकार की चिंता करने की जरूरत नहीं है।
लेकिन जिन्होंने गलत जानकारी देकर लाभ उठाया है, उनके खिलाफ सख्त प्रशासनिक और कानूनी कार्रवाई तय है।
यदि आप पीएम किसान योजना से जुड़े हैं, तो जल्द से जल्द अपने दस्तावेज अपडेट करें, e-KYC पूरी करें, और अपनी बैंक जानकारी सत्यापित करें।
यह न केवल आपको आगामी किस्त प्राप्त करने में मदद करेगा, बल्कि आपको किसी भी जांच या कार्रवाई से भी सुरक्षित रखेगा।