बिहार सरकार की नई योजना सोयाबीन की खेती के लिए मिलेगी 4,000 रुपए प्रति एकड़

By : Tractorbird Published on : 07-Jul-2025
बिहार

बिहार सरकार ने किसानों की आय में इजाफा और तिलहन फसलों की पैदावार बढ़ाने के उद्देश्य से खरीफ 2025 के लिए एक नई योजना शुरू की है। 

इस योजना के अंतर्गत राज्य में सोयाबीन की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। फिलहाल इसे बेगूसराय, लखीसराय और खगड़िया जिलों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू किया गया है, जहां 5000 एकड़ भूमि पर फसल प्रदर्शन कार्यक्रम चलाया जा रहा है।

किसानों को मिलेगा सीधा लाभ: ₹4,000 प्रति एकड़ और मुफ्त बीज

  • राज्य के उप-मुख्यमंत्री एवं कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने बताया कि इस योजना के तहत किसानों को प्रति एकड़ ₹4,000 का अनुदान दिया जा रहा है ताकि वे कम खर्च में सोयाबीन की खेती कर सकें। 
  • साथ ही, 355 क्विंटल प्रमाणित बीज किसानों को 100% अनुदान (पूरी तरह मुफ्त) पर उपलब्ध कराया जा रहा है।
  • इसके अलावा 100 क्विंटल प्रजनक बीज राज्य में तैयार किया जा रहा है, जिससे भविष्य में स्थानीय स्तर पर उच्च गुणवत्ता वाला बीज आसानी से उपलब्ध होगा और बीज आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिलेगा।

क्लस्टर मॉडल और ट्रेनिंग की सुविधा

योजना को बेहतर ढंग से लागू करने के लिए हर जिले में क्लस्टर मॉडल अपनाया गया है। इन क्लस्टरों में फार्मर्स फील्ड स्कूल के ज़रिए किसानों को उन्नत खेती तकनीकों की ट्रेनिंग दी जाएगी, जिससे उनकी उत्पादन क्षमता में वृद्धि हो सके।

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क्यों करें सोयाबीन की खेती? जानिए इसके बहुपक्षीय फायदे

  • सोयाबीन एक बहुउपयोगी और लाभदायक फसल है।
  • पोषण के दृष्टिकोण से इसमें लगभग 40% प्रोटीन होता है, जो इंसानों और पशुओं दोनों के लिए उपयोगी है। इससे टोफू, सोया दूध, पनीर और हेल्थ सप्लिमेंट्स बनाए जाते हैं, जबकि इसका खल पशु आहार के रूप में दूध उत्पादन बढ़ाने में मददगार है।
  • तेल उत्पादन में इसका बड़ा योगदान है और यह खाद्य तेल बाजार के साथ-साथ साबुन, पेंट, कॉस्मेटिक और बायो-डीज़ल जैसे उत्पादों में भी काम आता है, जिससे इसकी बाजार में लगातार मांग बनी रहती है।
  • यह एक लेग्युमिनस फसल है, जो मिट्टी की उर्वरता बढ़ाती है और नाइट्रोजन स्थिरीकरण में मदद करती है, जिससे अगली फसलों की लागत घटती है।
  • कम लागत और कम इनपुट वाली फसल होने के कारण यह आर्थिक रूप से भी फायदेमंद है, खासकर जब सरकार की तरफ से अनुदान और मुफ्त बीज जैसी सुविधाएं भी मिलें।

आवेदन कैसे करें?

  • इस योजना का लाभ उठाने के लिए किसान अपने जिले के कृषि कार्यालय या बिहार कृषि विभाग की वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। 
  • आवेदन के समय भूमि से संबंधित दस्तावेज़ जैसे स्वामित्व प्रमाण पत्र और क्षेत्रफल का विवरण साथ रखें। अतिरिक्त जानकारी के लिए स्थानीय कृषि समन्वयक या बीएओ (ब्लॉक कृषि पदाधिकारी) से संपर्क किया जा सकता है।

बिहार को तिलहन उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में मजबूत पहल

जहां मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र जैसे राज्य अब तक सोयाबीन उत्पादन में अग्रणी रहे हैं, वहीं अब बिहार सरकार की इस पहल से राज्य के किसान भी इस क्षेत्र में आगे बढ़ सकते हैं। 

यह योजना किसानों की आमदनी बढ़ाने और राज्य को तेलहन उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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