किसानों को खेती के कार्यों में आधुनिकता और दक्षता लाने के लिए सरकार लगातार प्रयासरत है। खेती में समय और लागत दोनों को बचाने के लिए अब किसानों को विभिन्न योजनाओं के तहत कृषि यंत्र खरीदने पर भारी सब्सिडी दी जा रही है।
इसी क्रम में मध्य प्रदेश कृषि अभियांत्रिकी विभाग ने किसानों को सब्सिडी पर कृषि यंत्र उपलब्ध कराने के लिए ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए हैं।
विभाग द्वारा खरीफ सीजन की कटाई, गहाई और मढ़ाई में इस्तेमाल होने वाले कृषि यंत्रों के लिए लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं। इनमें शामिल हैं –
इन सभी यंत्रों पर किसान भाई सब्सिडी का लाभ लेकर कम कीमत में आधुनिक कृषि उपकरण खरीद सकते हैं।
सरकार की ओर से किसानों को 40 से 50 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जाती है। यह सब्सिडी किसानों की लिंग, जाति और जोत श्रेणी के आधार पर अलग-अलग तय होती है।
किसान पोर्टल पर उपलब्ध सब्सिडी कैलकुलेटर के माध्यम से आसानी से यह पता कर सकते हैं कि चुने गए कृषि यंत्र पर उन्हें कितनी सब्सिडी मिलेगी।
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कृषि यंत्र खरीदने के इच्छुक किसानों को आवेदन के साथ धरोहर राशि के रूप में डिमांड ड्राफ्ट (DD) जमा करना अनिवार्य है। यह इसलिए जरूरी है ताकि केवल वही किसान आवेदन करें जो वास्तव में यंत्र खरीदने में इच्छुक हों।
यह डिमांड ड्राफ्ट “जिले के सहायक कृषि यंत्री” के नाम से बनाया जाना चाहिए और किसान को इसे अपने ही बैंक खाते से जारी कराना होगा। स्कैन कॉपी पोर्टल पर अपलोड करनी होगी।
यदि DD निर्धारित राशि से कम है, तो आवेदन मान्य नहीं होगा।
योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को कुछ दस्तावेज आवेदन के समय और बाद में सत्यापन के लिए प्रस्तुत करने होंगे। इनमें शामिल हैं –
जो किसान इस योजना का लाभ लेना चाहते हैं, उन्हें e-कृषि यंत्र अनुदान पोर्टल पर आवेदन करना होगा।
जो किसान पहले से पोर्टल पर रजिस्टर्ड हैं, वे आधार OTP से लॉगिन करके आवेदन कर सकते हैं।
नए किसानों को एमपी ऑनलाइन या सीएससी सेंटर जाकर बायोमैट्रिक आधार प्रमाणीकरण के जरिए रजिस्ट्रेशन कराना होगा। इसके बाद वे सब्सिडी पर कृषि यंत्र के लिए आवेदन कर सकते हैं।
किसानों को सलाह दी जाती है कि आवेदन करने से पहले योजना से संबंधित विस्तृत जानकारी अपने ब्लॉक या जिले के कृषि कार्यालय से प्राप्त करें।
इस प्रकार, यह योजना किसानों को कम लागत पर आधुनिक कृषि यंत्र उपलब्ध कराने का सुनहरा अवसर है। सब्सिडी मिलने से न केवल किसानों का बोझ कम होगा बल्कि खेती अधिक लाभकारी और समय बचाने वाली भी बन जाएगी।