किसानों के हित में केंद्र सरकार कई योजनाएं चला रही है। इन्हीं में से एक है प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY), जिसे किसानों की फसलों का सुरक्षा कवच माना जाता है।
इस योजना के तहत किसान प्राकृतिक आपदाओं से फसल को हुए नुकसान पर मुआवजा प्राप्त कर सकते हैं। खास बात यह है कि कटाई के बाद होने वाले नुकसान पर भी किसान बीमा क्लेम ले सकते हैं, बशर्ते समय पर सूचना दें।
संयुक्त निदेशक, कृषि विस्तार, जिला परिषद, सरदार मल यादव के अनुसार, यदि कटाई के बाद फसल को ओलावृष्टि, चक्रवात, जलभराव, असमय वर्षा या अन्य प्राकृतिक आपदाओं से नुकसान होता है तो बीमित किसानों को व्यक्तिगत क्षति के आधार पर मुआवजा प्रदान किया जाता है।
यदि कटाई के 14 दिन के भीतर फसल को नुकसान होता है, तो व्यक्तिगत सर्वे के आधार पर किसानों को बीमा क्लेम दिया जाएगा। यह पूरी प्रक्रिया प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के दिशा-निर्देशों के तहत की जाती है।
किसान को फसल नुकसान की जानकारी 72 घंटे के अंदर निम्न माध्यमों से देनी होती है:
इसके लिए किसान को हानि/नुकसान प्रपत्र भरकर जमा करना जरूरी है। यदि समयसीमा में सूचना नहीं दी जाती है तो क्लेम का लाभ नहीं मिलेगा।
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भारत सरकार ने इस योजना की शुरुआत 2016 में की थी। इसका उद्देश्य किसानों को प्राकृतिक आपदा, कीट प्रकोप, रोग और असमय वर्षा से फसल नुकसान की स्थिति में आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना है।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) किसानों को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने का एक मजबूत सहारा है। अब इस योजना में कटाई के बाद नुकसान को भी शामिल कर लिया गया है, जिससे किसानों की सुरक्षा और बढ़ गई है।
किसानों से अपील है कि फसल नुकसान की स्थिति में 72 घंटे के भीतर सूचना जरूर दें। जितनी जल्दी सूचना देंगे, उतनी जल्दी मुआवजा मिलेगा।