सब्सिडी पर कस्टम हायरिंग सेंटर और कृषि यंत्र बैंक की स्थापना के लिए आवेदन
By : Tractorbird Published on : 26-Aug-2025
कृषि क्षेत्र में यंत्रीकरण को बढ़ावा देने के लिए सरकार लगातार प्रयासरत है, ताकि ज्यादा से ज्यादा किसानों तक आधुनिक कृषि उपकरण पहुँच सकें। इसी उद्देश्य से केंद्र और राज्य सरकारें कई योजनाएं चला रही हैं।
इसी क्रम में बिहार सरकार ने सब मिशन ऑन एग्रीकल्चर मेकेनाइजेशन (2025-26) के अंतर्गत कस्टम हायरिंग सेंटर, कृषि यंत्र बैंक और स्पेशल कस्टम हायरिंग सेंटर की स्थापना हेतु सब्सिडी देने की योजना शुरू की है। इसके लिए कृषि विभाग ने इच्छुक किसानों से ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए हैं।
किन्हें मिलेगा आवेदन का मौका?
कस्टम हायरिंग सेंटर और कृषि यंत्र बैंक के लिए राज्य के सभी जिलों के किसान आवेदन कर सकते हैं।
फसल अवशेष प्रबंधन हेतु स्पेशल कस्टम हायरिंग सेंटर के लिए रोहतास, कैमूर, बक्सर, भोजपुर, नालंदा, पटना, पश्चिम चंपारण, औरंगाबाद, पूर्वी चंपारण, लखीसराय, शेखपुरा, अररिया, गया, नवादा और जहानाबाद जिलों के किसान पात्र हैं।
कस्टम हायरिंग सेंटर पर सब्सिडी
- राज्य में 267 कस्टम हायरिंग सेंटर स्थापित करने का लक्ष्य है।
- प्रति इकाई लागत 10 लाख रुपये तय की गई है।
- 35 बीएचपी और उससे ऊपर के ट्रैक्टर पर अधिकतम 1.6 लाख रुपये, तथा अन्य यंत्रों पर 40% सब्सिडी मिलेगी।
- लाभार्थी को अधिकतम 4 लाख रुपये तक का अनुदान मिलेगा।
- सेंटर के लिए स्थानीय फसल चक्र के अनुसार जुताई, बुआई, रोपाई, कटाई, दौनी व थ्रेसिंग हेतु कम से कम एक-एक मशीन लेना अनिवार्य होगा।
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कृषि यंत्र बैंक पर सब्सिडी
- इस वर्ष 38 कृषि यंत्र बैंक स्थापित किए जाएंगे।
- प्रति इकाई लागत 10 लाख रुपये निर्धारित है।
- 35 बीएचपी व उससे ऊपर के ट्रैक्टर पर अधिकतम 2.4 लाख रुपये, अन्य यंत्रों पर 80% सब्सिडी दी जाएगी।
- लाभार्थी को अधिकतम 8 लाख रुपये तक का अनुदान मिलेगा।
- प्रत्येक यंत्र बैंक के लिए भी स्थानीय फसल चक्र के अनुसार सभी प्रमुख कार्यों के लिए आवश्यक यंत्र लेना अनिवार्य है।
फसल अवशेष प्रबंधन हेतु स्पेशल कस्टम हायरिंग सेंटर पर सब्सिडी
- राज्य में 120 स्पेशल कस्टम हायरिंग सेंटर स्थापित करने का लक्ष्य है।
- प्रति इकाई लागत 20 लाख रुपये रखी गई है।
- 55 PTO HP तक के ट्रैक्टर पर 40% (अधिकतम 3.4 लाख रुपये) तथा अन्य यंत्रों पर 80% सब्सिडी मिलेगी।
- लाभार्थी को अधिकतम 12 लाख रुपये तक का अनुदान प्राप्त होगा।
- फसल अवशेष प्रबंधन के लिए चिन्हित समूहों में से किसी भी तीन समूह से एक-एक यंत्र लेना जरूरी होगा।
आवेदन प्रक्रिया
योजना का लाभ किसान, जीविका समूह, ग्राम संगठन, क्लस्टर फेडरेशन, आत्मा से जुड़े FIG, नाबार्ड/राष्ट्रीयकृत बैंक से जुड़े किसान क्लब, FPO/FPC, स्वयं सहायता समूह एवं PACS ले सकते हैं।
ऑनलाइन आवेदन विभागीय पोर्टल farmech.bihar.gov.in पर किया जा सकता है।
आवेदन के लिए बिहार DBT विभाग से प्राप्त पंजीकरण संख्या अनिवार्य है।
अधिक जानकारी के लिए किसान अपने जिले के सहायक निदेशक कृषि अभियंत्रण या जिला कृषि पदाधिकारी से संपर्क कर सकते हैं।