देसी गायों की डेयरी हेतु 50% अनुदान: 23 अगस्त तक करें ऑनलाइन आवेदन

By : Tractorbird Published on : 20-Aug-2025
देसी

उत्तर प्रदेश सरकार ग्रामीण युवाओं और किसानों की आय में वृद्धि करने तथा रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के लिए पशुपालन क्षेत्र में कई योजनाएं चला रही है। 

इन्हीं योजनाओं में से एक है नंद बाबा दुग्ध मिशन। इस मिशन के अंतर्गत चलाई जा रही मिनी नंदनी कृषक समृद्धि योजना किसानों और युवाओं के लिए सुनहरा अवसर प्रदान कर रही है।

योजना के तहत राज्य के इच्छुक व्यक्ति गिर, साहिवाल, थारपाकर जैसी देसी नस्ल की गायों पर आधारित डेयरी इकाई स्थापित कर सकते हैं। 

इसके लिए 23 अगस्त 2025 तक ऑनलाइन आवेदन किए जा सकते हैं। आवेदन करने वाले व्यक्ति को आवश्यक दस्तावेजों की हार्ड कॉपी भी पशुपालन विभाग में जमा करनी होगी। आवेदन आधिकारिक वेबसाइट nandbabadugdhmission.up.gov.in पर किया जाएगा।

कितना मिलेगा अनुदान?

इस योजना में 23.60 लाख रुपए की लागत से एक डेयरी इकाई स्थापित करने का प्रावधान है। इसमें से किसानों को कुल लागत का 50% यानी 11.80 लाख रुपए अनुदान दिया जाएगा। 

शेष राशि में से 15% किसान को स्वयं लगाना होगा, जबकि 35% बैंक ऋण के माध्यम से उपलब्ध कराया जाएगा। अनुदान की राशि लाभार्थियों को दो किस्तों में प्रदान की जाएगी।

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पात्रता और शर्तें

  • आवेदक उत्तर प्रदेश का मूल निवासी होना चाहिए।
  • आवेदक के पास 8712 वर्ग फुट भूमि डेयरी स्थापना के लिए उपलब्ध होनी चाहिए।
  • आधार कार्ड और पशुपालन का अनुभव अनिवार्य है।
  • गायों की खरीदी प्रदेश से बाहर से करनी होगी।
  • प्रत्येक गाय का टैगिंग और 3 साल का बीमा आवश्यक है।
  • डेयरी शेड का निर्माण मानकीकृत डिजाइन के अनुसार होना चाहिए।
  • चयन की प्रक्रिया ई-लॉटरी के माध्यम से होगी।

योजना का महत्व

ग्रामीण अर्थव्यवस्था में पशुपालन हमेशा से एक मजबूत स्तंभ रहा है। खासकर देसी नस्ल की गायों का दूध न केवल पोषण से भरपूर होता है, बल्कि स्वास्थ्य की दृष्टि से भी लाभकारी माना जाता है। 

इस योजना से किसानों को आधुनिक डेयरी प्रबंधन सीखने, वैज्ञानिक तरीके से पशुपालन करने और दूध उत्पादन बढ़ाने का अवसर मिलेगा।

योजना से जुड़े लाभार्थी किसान दूध बिक्री, गोबर आधारित जैविक खाद और गोमूत्र उत्पादों के माध्यम से भी अतिरिक्त आय अर्जित कर सकते हैं। इससे आत्मनिर्भरता के साथ-साथ ग्रामीण स्तर पर रोजगार सृजन भी होगा।

सरकार की यह पहल किसानों और युवाओं को उद्यमिता की दिशा में आगे बढ़ाने के साथ-साथ देसी गायों के संरक्षण और संवर्धन में भी बड़ी भूमिका निभाएगी।

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