भारत सरकार द्वारा शुरू की गई नमो ड्रोन दीदी योजना एक क्रांतिकारी पहल है, जिसका उद्देश्य महिलाओं के नेतृत्व वाले स्वयं सहायता समूहों (Self Help Groups - SHGs) को अत्याधुनिक ड्रोन तकनीक से सशक्त बनाना है।
इस योजना के अंतर्गत 2024-25 से 2025-26 तक देशभर की 15,000 महिला SHGs को ड्रोन उपलब्ध कराए जाएंगे ताकि वे किराये के आधार पर किसानों को कृषि सेवाएँ प्रदान कर सकें। यह प्रयास न केवल महिलाओं की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ बनाएगा, बल्कि देश की कृषि प्रणाली में तकनीकी सुधार की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगा।
यह योजना महिलाओं को केवल आर्थिक रूप से ही नहीं, बल्कि तकनीकी दृष्टि से भी सशक्त बनाती है। ड्रोन संचालन, निगरानी और विश्लेषण के क्षेत्र में उन्हें विशेषज्ञता हासिल होती है, जिससे वे मिट्टी की उर्वरता, फसल की सेहत और सिंचाई आवश्यकताओं का सटीक मूल्यांकन कर सकती हैं।
ड्रोन तकनीक से कीटनाशकों और उर्वरकों का अधिक सटीक और संतुलित उपयोग संभव होता है। जीपीएस और सेंसर युक्त ये डिवाइसेज खेतों पर लक्षित स्प्रे सुनिश्चित करते हैं, जिससे लागत में कमी, पर्यावरण पर कम प्रभाव और उपज में वृद्धि होती है।
इस योजना में ड्रोन प्रशिक्षण के साथ-साथ उन्नत कृषि पद्धतियों की भी जानकारी दी जाती है। महिलाएं आधुनिक कृषि की समझ विकसित करती हैं और डेटा आधारित निर्णय लेना सीखती हैं। ड्रोन के ज़रिए खेतों का मैपिंग, जल प्रबंधन और फसल विश्लेषण करना आसान होता है।
यह पहल महिलाओं के बीच सहयोग की भावना को भी प्रोत्साहित करती है। SHG महिलाएं कार्यशालाओं और सम्मेलनों के ज़रिए एक-दूसरे के अनुभवों से सीख सकती हैं और एक व्यापक नेटवर्क का हिस्सा बन सकती हैं। साथ ही, उन्हें कृषि विशेषज्ञों और नीति निर्माताओं से संवाद करने का अवसर भी मिलता है।
नमो ड्रोन दीदी योजना केवल एक सरकारी योजना नहीं, बल्कि ग्रामीण भारत की महिलाओं को आर्थिक और तकनीकी रूप से सशक्त बनाने की एक प्रेरणादायक मिसाल है। यह पहल पारंपरिक कृषि को स्मार्ट एग्रीकल्चर में बदलने की दिशा में मील का पत्थर है।
जहां एक ओर यह योजना किसानों को आधुनिक सेवाएँ उपलब्ध कराएगी, वहीं दूसरी ओर यह महिलाओं को कृषि नवाचार की अगुआ बनाएगी। आने वाले वर्षों में यह योजना लाखों ग्रामीण परिवारों के लिए स्थायी आजीविका और समृद्ध भविष्य की कुंजी बन सकती है।