किसानों को मिलेगी कृषि यंत्रों पर 50% सब्सिडी – 20 अगस्त तक करें आवेदन

By : Tractorbird Published on : 12-Aug-2025
किसानों

हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने किसानों की आय बढ़ाने और कृषि कार्यों के आधुनिकीकरण को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2025-26 में विशेष पहल की है। 

आरकेवीआई (राष्ट्रीय कृषि विकास योजना) स्कीम के तहत फसल अवशेष प्रबंधन घटक में किसानों को विभिन्न कृषि यंत्रों की खरीद पर लागत का 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा। इसके लिए किसानों से 20 अगस्त 2025 तक ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए गए हैं।

योजना का उद्देश्य

सरकार का मुख्य उद्देश्य कृषि यांत्रिकीकरण को बढ़ावा देकर किसानों का श्रम और समय बचाना है। इससे न केवल खेत की तैयारी और बुवाई आसान होगी, बल्कि फसल अवशेष प्रबंधन के जरिए खेत की उर्वरता भी बनी रहेगी और पराली जलाने की समस्या कम होगी।

किन यंत्रों पर मिलेगा लाभ?

इस योजना के अंतर्गत किसानों को निम्न कृषि यंत्रों की खरीद पर अनुदान मिलेगा:

  • स्ट्रॉ बेलर, हे-रेक, एसएमएस, हैप्पी सीडर, स्मार्ट सीडर
  • स्ट्रॉ चॉपर, मल्चर, श्रब मास्टर, रोटरी स्लेशर
  • रिवर्सिबल एमबी प्लाउ, जीरो ड्रील, सुपर सीडर, सरफेस सीडर
  • ट्रैक्टर माउंटेड लोडर (बिना ट्रैक्टर), ट्रैक्टर ड्रॉन टैडर मशीन, क्रॉप रीपर

किसान एक बार में अधिकतम 4 अलग-अलग प्रकार के कृषि यंत्रों के लिए आवेदन कर सकते हैं, लेकिन अनुदान का लाभ केवल एक यंत्र पर ही मिलेगा।

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पात्रता मानदंड

  • किसान ने जिस यंत्र के लिए आवेदन किया है, उस पर पिछले 3 वर्षों में किसी भी सरकारी योजना से सब्सिडी न ली हो।
  • किसान का “मेरी फसल मेरा ब्यौरा” पोर्टल पर खरीफ 2024 और रबी 2025 के लिए पंजीकरण होना आवश्यक है।
  • परिवार पहचान पत्र (PPP) के अनुसार प्रत्येक परिवार से केवल एक सदस्य आवेदन कर सकता है।

आवेदन प्रक्रिया

इच्छुक किसान https://agriharyana.gov.in पोर्टल पर लॉगिन कर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन के समय निम्न दस्तावेज अपलोड करना अनिवार्य है:

  • परिवार पहचान पत्र (PPP)
  • पैन कार्ड
  • वैध ट्रैक्टर आरसी
  • स्वयं घोषणा पत्र

लक्ष्य से अधिक आवेदन प्राप्त होने पर चयन जिला स्तरीय समिति द्वारा ऑनलाइन ड्रॉ के माध्यम से किया जाएगा।

किसानों के लिए फायदे

इस योजना से किसानों को न केवल महंगे कृषि यंत्र कम लागत में मिलेंगे, बल्कि खेत की तैयारी और अवशेष प्रबंधन में भी तेजी आएगी। 

यह आधुनिक यंत्र ईंधन और समय की बचत करेंगे, जिससे लागत कम और मुनाफा अधिक होगा। साथ ही, पराली जलाने की आवश्यकता कम होने से प्रदूषण में भी कमी आएगी।

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