राज्य सरकार ने किसानों के हित में एक अहम फैसला लेते हुए ‘कृषक उपहार योजना’ में महत्वपूर्ण संशोधन को मंजूरी दे दी है। इस बदलाव का उद्देश्य कृषि उपज की बिक्री में पारदर्शिता लाना, डिजिटल भुगतान को प्रोत्साहित करना और किसानों की आमदनी बढ़ाना है।
अब यह योजना केवल उन्हीं किसानों पर लागू होगी, जो अपनी फसल या कृषि उत्पादों की बिक्री ई-नाम पोर्टल (e-NAM Portal) के माध्यम से करेंगे और भुगतान भी इलेक्ट्रॉनिक माध्यम (E-Payment) से प्राप्त करेंगे। इस पहल से किसानों को सुरक्षित, तेज और पारदर्शी भुगतान मिलेगा, जिससे उनकी वित्तीय स्थिति में सकारात्मक सुधार होगा।
ई-नाम (ई-नेशनल एग्रीकल्चर मार्केट) एक एकीकृत डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जो देश भर के किसानों को विभिन्न राज्यों और मंडियों के खरीदारों से सीधे जोड़ता है।
इससे बिचौलियों की भूमिका घटती है और किसानों को उनके उत्पाद का उचित दाम मिलना आसान हो जाता है। राज्य सरकार द्वारा किया गया यह संशोधन इस प्लेटफॉर्म के अधिकाधिक उपयोग को बढ़ावा देने के लिए है, ताकि किसान सीधे डिजिटल मार्केट से लाभ उठा सकें और अपने उत्पाद की बिक्री का अधिकतम मूल्य प्राप्त कर सकें।
डिजिटल लेनदेन से किसान सीधे बैंकिंग सिस्टम से जुड़ जाएंगे, जिससे उन्हें ऋण, बीमा, और अन्य वित्तीय योजनाओं का लाभ लेने में आसानी होगी। साथ ही, इस प्रक्रिया से किसान अपनी उपज की बिक्री का हिसाब-किताब सुव्यवस्थित तरीके से रख पाएंगे, जो दीर्घकाल में उनकी आर्थिक योजना बनाने में सहायक होगा।
राज्य सरकार की यह पहल न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करेगी, बल्कि देश में कृषि क्षेत्र में डिजिटल क्रांति को भी गति देगी।
इससे किसान आधुनिक तकनीक, ऑनलाइन मार्केटिंग और ई-पेमेंट सिस्टम से जुड़ेंगे। यह बदलाव किसानों में सरकार के प्रति विश्वास बढ़ाएगा और उन्हें भविष्य में भी डिजिटल माध्यम से व्यापार करने के लिए प्रेरित करेगा।
कृषक उपहार योजना’ में किया गया यह संशोधन किसानों के लिए एक नई उम्मीद लेकर आया है। यह उन्हें पारदर्शी, सुरक्षित और लाभकारी तरीके से अपनी उपज बेचने का अवसर देता है।
लंबे समय में यह योजना कृषि उत्पादों की बिक्री में एक नई संस्कृति स्थापित करेगी, जहां डिजिटल तकनीक और पारदर्शिता किसानों की सफलता की कुंजी होगी।