फसल पर ₹10,000 का अनुदान! किसानों के लिए सुनहरा मौका – जानें पूरी जानकारी
By : Tractorbird Published on : 23-Jul-2025
छत्तीसगढ़ सरकार ने किसानों की आय बढ़ाने और खेती में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए “कृषक उन्नति योजना” शुरू की है। इस योजना का उद्देश्य किसानों को फसल उत्पादन बढ़ाने के लिए आवश्यक संसाधनों के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना है।
अब यह योजना केवल धान की खेती तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि दलहन, तिलहन, मक्का, लघु धान्य फसलें जैसे कोदो, कुटकी, रागी और कपास की खेती करने वाले किसानों को भी इसका लाभ मिलेगा।
इन फसलों की खेती पर किसानों को प्रति एकड़ 10,000 रुपए की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। कृषि विकास एवं किसान कल्याण विभाग ने इस योजना को लागू करने के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश भी जारी किए हैं।
खेती में निवेश को मिलेगा बढ़ावा
- राज्य का बड़ा हिस्सा वर्षा पर निर्भर है, जिससे मौसम और लागत में उतार-चढ़ाव के कारण किसानों की आय में अस्थिरता रहती है। इस वजह से किसान उन्नत बीज, खाद, कीटनाशक, मशीनें और आधुनिक तकनीकों में निवेश नहीं कर पाते।
- इन समस्याओं को ध्यान में रखते हुए सरकार ने यह योजना शुरू की है ताकि किसानों को खेती के लिए जरूरी संसाधनों की खरीद में मदद मिल सके और उत्पादन बढ़ाया जा सके।
- साथ ही, फसल विविधीकरण और दलहन-तिलहन में आत्मनिर्भरता को भी बढ़ावा मिलेगा।
धान के बदले दूसरी फसल पर मिलेगा अतिरिक्त लाभ
पिछले खरीफ में जिन किसानों ने धान की खेती की थी और उसे सरकारी समर्थन मूल्य पर बेचा था, यदि वे इस बार धान की जगह अन्य खरीफ फसल (जैसे मक्का, दलहन, तिलहन आदि) लगाते हैं, और एकीकृत किसान पोर्टल में पंजीकरण एवं गिरदावरी में रकबा दर्ज करवाते हैं, तो उन्हें 11,000 रुपए प्रति एकड़ की सहायता राशि मिलेगी।
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अन्य खरीफ फसलों पर भी मिलेगा 10,000 रुपए प्रति एकड़
खरीफ 2025 में यदि कोई किसान दलहन, तिलहन, मक्का, लघु धान्य या कपास की खेती करता है और पोर्टल पर पंजीयन एवं गिरदावरी में रकबा दर्ज करवाता है, तो उसे भी 10,000 रुपए प्रति एकड़ की दर से अनुदान मिलेगा।
यह राशि डीबीटी (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से सीधे किसानों के बैंक खातों में भेजी जाएगी।
धान की खेती करने वालों को भी मिलेगा अनुदान
- जो किसान इस खरीफ में धान की खेती करेंगे, उन्हें भी अनुदान मिलेगा।
- कॉमन धान पर: 731 रुपए प्रति क्विंटल की दर से अधिकतम 15,351 रुपए प्रति एकड़।
- ग्रेड-ए धान पर: 711 रुपए प्रति क्विंटल की दर से अधिकतम 14,931 रुपए प्रति एकड़ की सहायता राशि मिलेगी।
बीज उत्पादकों को भी मिलेगा लाभ
- जो किसान प्रमाणित धान बीज का उत्पादन करते हैं और साथ ही सामान्य धान भी सहकारी समितियों में बेचते हैं, वे भी इस योजना के पात्र होंगे।
- उनकी बेची गई धान की मात्रा उनके धारित रकबे से अधिक नहीं होनी चाहिए। इस प्रक्रिया की निगरानी राज्य विपणन संघ और राज्य बीज निगम के समन्वय से की जाएगी। साथ ही, सहायता राशि का भुगतान कृषि भूमि सीलिंग कानून के प्रावधानों के अधीन होगा।
- यह योजना किसानों को परंपरागत खेती से आगे बढ़कर विविध फसलों की ओर बढ़ने और कृषि में तकनीकी निवेश बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करती है।