नाबार्ड डेयरी फार्मिंग योजना 2024 : इस योजना के तहत डेयरी फार्म खोलने पर मिलेगी 25 % से 50 % तक की सब्सिड़ी

By : Tractorbird News Published on : 03-May-2024
नाबार्ड

नाबार्ड बैंक किसानों के हितों के लिए कार्य करता है। नाबार्ड समय समय पर किसानों के लिए नई योजनाए चलाता है जिससे की उनको लाभ प्राप्त हो सके। 

केंद्र सरकार ने नाबार्ड योजना को देश के ग्रामीणों को रोजगार के अवसर देने के लिए चलाया है। देश के गांवों में डेयरी फार्मिंग की व्यवस्था करने के लिए सरकार द्वारा कम ब्याज दर पर ऋण दिया जाएगा। 

इस योजना के लिए बैंक ऋण देगा और पशुपालन विभाग आधुनिक डेयरी बनाएगा। यहां हम आपको नाबार्ड डेयरी योजना की सम्पूर्ण जानकारी देंगे।

नाबार्ड डेयरी फार्मिंग योजना क्या है?

  • भारत में किसान खेती के साथ में पशुपालन भी करते है जिससे की वो दूध बेच कर मुनाफा कमाते है। 
  • डेयरी फार्मिंग के लिए शेड बनाने के लिए किसानों को अधिक धन की जरुरत होती है। देश के किसानों को राहत पहुंचाने के लिए सरकार ने नाबार्ड डेयरी फार्मिंग योजना की शुरूवात की है। 
  • सरकार ने नाबार्ड योजना के अंतर्गत देश के किसानों को 30,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त पुनर्वित्त सहायता प्रदान करने का निर्णय लिया है। 
  • इस योजना से लाभान्वित होने वाले परिश्रमी किसानों को यह धन कोऑपरेटिव बैंक के माध्यम से प्रदान किया जाएगा। इस सहायता से लगभग 3 करोड़ किसानों को लाभ मिलेगा। 
  • डेयरी फार्मिंग योजना के तहत 2024 में डेयरी फार्मिंग योजना के तहत कदम उठाए जाएंगे, जो ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगार लोगों को स्वरोजगार के अवसर देगा। 
  • इससे आसानी से व्यापार शुरू होगा और देश में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। देश में दूध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए यह योजना डेयरी फार्मों की स्थापना को बढ़ावा देगी। 
  • मशीनें दूध उत्पादन, गायों और भैंसों की देखभाल, गायों की सुरक्षा और घी बनाने के लिए आवश्यक होंगे। नाबार्ड योजना का लाभ उठाना चाहने वाले व्यक्ति को आवेदन करना होगा। 

नाबार्ड योजना का मुख्य उद्देश्य क्या है? 

नाबार्ड डयेरी फार्मिंग योजना का मुख्य उद्देश्य डेयरी फार्मिंग को बढ़ावा देना है जिससे की किसानों की आय में वृद्धि हो। 

किसान खेती के साथ में पशुपालन से भी अच्छा मुनाफा कमा सकते है, क्योंकि हमारे देश के ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी बहुत से लोग डायरी खेती से अपनी आजीविका चलाते हैं, इससे स्वरोजगार पैदा होगा और डेरी क्षेत्र में अधिक से अधिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी। 

योजना का मुख्य उद्देश्य बिना ब्याज के ऋण प्रदान करना भी है, जिससे दूध उत्पादन को बढ़ावा दिया जा सके और देश में बेरोजगारी दर को कम किया जा सकें।

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नाबार्ड डेयरी योजना के तहत बैंक से कितनी सब्सिडी मिलेगी ?

  • दूध उत्पाद (दूग्ध प्रोडक्ट) के तहत नाबार्ड बैंक से डेयरी उद्यमिता विकास योजना के अंतर्गत सब्सिडी मिलती है।
  • नाबार्ड डेयरी योजना 2024 के अनुसार, आप दुग्ध उत्पाद की प्रोसेसिंग के लिए आवश्यक उपकरण खरीद सकते हैं। 
  • ऐसी मशीन की कीमत 13.20 लाख रुपये होती है तो आपको 25% (3.30 लाख रुपये) की सब्सिडी मिल सकती है।
  • यदि आप अनुसूचित जाति या जनजाति श्रेणी से हैं, तो आपको 4.40 लाख रुपये की सब्सिडी भी मिल सकती है।
  • नाबार्ड के डीएम ने बताया कि इस योजना का ऋण बैंक द्वारा मंजूर किया जाएगा, जिसका 25% लाभार्थी द्वारा भुगतान किया जाएगा।
  • योजना के लाभार्थी बैंक से संपर्क करके आवेदन कर सकते हैं।
  • यदि आप पांच गायों के साथ एक डेयरी व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं, तो आपको उनके खर्चों का प्रमाण देना होगा।
  • यदि आप पांच गायों के साथ एक डेयरी व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं, तो आपको उनके खर्चों का प्रमाण देना होगा।
  • इसके लिए सरकार 50 प्रतिशत सब्सिडी देगी, और किसानों को बाकी 50 प्रतिशत की अलग-अलग किस्तों में बैंक से भुगतान करना होगा।

नाबार्ड के द्वारा चलाई गयी प्रमुख योजनाएं 

1. पहली योजना - नाबार्ड की पहली योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में लाल सिन्धी, साहिवाल, राठी, गिर आदि प्रजातियों की देसी गायों के लिए एक छोटे डेयरी यूनिट स्थापित करने के लिए अनुदान मिलेगा। 

  • इसमें हाइब्रिड गायें या 10 दुधारू पशुओं की जैसे भैंसों के लिए एक सामान्य यूनिट का निर्माण होगा। इस योजना के तहत डेयरी की स्थापना के 10 पशु डेयरी पर 25% की सब्सिडी प्रदान की जाएगी। 
  • इसके अलावा, एससी/एसटी किसानों के लिए सब्सिडी की राशि में 33.33% की रूपरेखा है। अधिकतम अनुमति पूंजी सब्सिडी ₹1.25 लाख रुपये है, जो अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के किसानों के लिए ₹1.67 लाख रुपये है। 
  • दूसरे पशु इकाई के लिए भी सब्सिडी उपलब्ध होगी, जिसकी मात्रा ₹25,000/- है, और अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के किसानों के लिए ₹33,300/- है।

2. दूसरी योजना - इस योजना में लाल सिन्धी, साहिवाल, राठी, गिर आदि प्रजातियों की देसी गायों की बछिया पलने के लिए सब्सिड़ी मिलेगी। 

  • योजना के तहत ऊपर दी गयी नस्लों की 20 बछियां खरीदने पर आपको सब्सिड़ी मिलेगी। 20 बछियां तक की यूनिट को 25% तक की सब्सिडी प्रदान की जाएगी, जिसकी मात्रा ₹1,25,000/- तक हो सकती है। 
  • SC/ST श्रेणी के लोगों को ₹1,60,000/- तक की पूंजी सब्सिडी मिलेगी। इसके साथ ही, उन्हें 33.33% तक की सब्सिडी भी प्राप्त हो सकती है। 
  • अधिकतम ₹30,000/- की सब्सिडी तब मिलेगी जब 5 बछियां पालने का काम शुरू किया जाएगा, जबकि SC/ST के लोगों को यह सब्सिडी ₹40,000/- तक हो सकती है।

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