प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना

By : Tractorbird News Published on : 22-Jan-2025
प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) किसानों को प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान से बचाने और उनके आर्थिक स्थायित्व को सुनिश्चित करने के लिए शुरू की गई है। 

इसका उद्देश्य किसानों को बीमा कवरेज और वित्तीय सहायता प्रदान करना है। योजना के विभिन्न पहलुओं को निम्नलिखित रूप में संक्षेपित किया गया है:

योजना के मुख्य बिंदु

1. प्रीमियम दरें:

  • योजना के तहत खरीफ फसलों के लिए केवल 2% प्रीमियम का भुगतान किया जाना है।
  • योजना के तहत रबी फसलों के लिए केवल 1.5% प्रीमियम का भुगतान किया जाना है।
  • योजना के तहत वार्षिक वाणिज्यिक और बागवानी फसलों के लिए 5% प्रीमियम का भुगतान किया जाना है।

2. सरकारी सब्सिडी:

  • किसानों द्वारा भुगतान किये जानेवाले प्रीमियम की दरें बहुत ही कम हैं, शेष प्रीमियम सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।
  • सरकारी सब्सिडी पर कोई ऊपरी सीमा नहीं है, सरकार प्रीमियम का 90% तक भुगतान कर सकती है।

3. तकनीकी उपयोग:

  • योजना के तहत काफी हद तक प्रौद्योगिकी के उपयोग को प्रोत्साहित किया जाएगा। 
  • दावा भुगतान में होने वाली देरी को कम करने के लिए फसल काटने के डेटा को एकत्रित एवं अपलोड करने हेतु स्मार्ट फोन, रिमोट सेंसिंग ड्रोन और जीपीएस तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा।

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4. आवंटन:

 योजना के तहत 2016-2017 में ₹5,550 करोड़ का बजट तय किया गया था।

5. बीमा कंपनी:

 योजना का संचालन भारतीय कृषि बीमा कंपनी (एआईसी) द्वारा किया जाता है।

योजना के उद्देश्य

  • प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत प्राकृतिक आपदाओं, कीट और रोगों के परिणामस्वरूप अधिसूचित फसल में से किसी की विफलता की स्थिति में किसानों को बीमा कवरेज और वित्तीय सहायता प्रदान करना है।
  • कृषि में किसानों की सतत प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए उनकी आय को स्थायित्व देना है।
  • किसानों को कृषि में नवाचार एवं आधुनिक पद्धतियों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना है।
  • साथ ही योजना का उद्देश्य कृषि क्षेत्र में ऋण के प्रवाह को सुनिश्चित करना है।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना क्लेम

  • अधिसूचित क्षेत्रों में फसल उगानेवाले पट्टेदार या जोतदार किसानों सहित सभी किसानों को कवरेज मिलेगा। 
  • गैर-ऋणी किसानों को राज्य में लागू होने वाले भूमि रिकार्ड अधिकार (आरओआर), भूमि कब्जा प्रमाण पत्र (LPC) और अन्य आवश्यक दस्तावेजी प्रस्तुत करना होगा। 
  • इसके अलावा, राज्य सरकार द्वारा अनुमोदित लागू अनुबंध, समझौते के विवरण और अन्य संबंधित दस्तावेज भी आवश्यक हैं। 
  • अनिवार्य घटक वित्तीय संस्थाओं से अधिसूचित फसलों के लिए ऋण लेने वाले सभी किसान अनिवार्य रूप से आच्छादित होंगे।
  • गैर-ऋणी किसानों के लिए योजना वैकल्पिक होगी।
  • योजना में अनुसूचित जाति, जनजाति या महिला किसानों को अधिकतम कवरेज देने के लिए विशेष प्रयास किए जाएंगे। 
  • इस योजना के तहत खाद्य फसल (अनाज, बाजरा और दालें), तिलहन, वार्षिक वाणिज्यिक/वार्षिक बागवानी की फसल को कवरेज मिलेगा।

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