गोवर्धन उर्वरक योजना के अंतर्गत किसानों को वर्मी कम्पोस्ट यूनिट लगाने होंगे। इस योजना से रसायनिक खेती से बढ़ रहे दुष्प्रभावों को कम करने में सहयोग मिलेगा।
आजकल की खेती में किसान भाई तकनीक का उपयोग कर रासायनिक खेती को अपना रहे हैं। रासायनिक खेती फसल से तो अच्छा खासा मुनाफा देती है।
परंतु, इससे उगने वाले पदार्थ उस गुणवत्ता के नहीं होते जो गुणवत्ता जैविक खेती के पदार्थों में आती है।
रासायनिक खेती के दुष्प्रभावों को कम करने के लिए सरकार किसानों को जैविक खेती की ओर आकर्षित करने के लिए नई-नई योजनाएं लेकर आ रही हैं।
इस कड़ी में अब राजस्थान सरकार ने भी अपना नाम दर्ज करवा लिया है।
राजस्थान सरकार ने गाय के गोबर से जैविक खाद बनाने और उसे इस्तेमाल करने वाले किसानों के लिए गोवर्धन जैविक उर्वरक योजना शुरू की है, जिसके तहत राज्य सरकार किसानों को 10 हजार रुपये देने जा रही है।
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गोवर्धन उर्वरक योजना के तहत किसानों को वर्मी कम्पोस्ट यूनिट लगाने होंगे। इस योजना से रसायनिक खेती से बढ़ रहे दुष्प्रभावों को कम करने में सहयोग मिलेगा।
वहीं, दूसरी तरफ इस योजना से मृदा की उपजाऊ क्षमता भी बढ़ेगी।
मुख्यमंत्री बजट घोषणा वर्ष 2024-25 से गोवर्धन उर्वरक योजना के तहत राजस्थान साथी पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन शुरू हो गए हैं।
कोई भी पात्र किसान भाई इस योजना के तहत आवेदन कर सरकार की तरफ से ज्यादातर 10 हजार रुपये हांसिल कर सकता है।
कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक जितेन्द्र सिंह शक्तावत ने मीडिया को बताया कि गोवर्धन जैविक उर्वरक योजना के अंतर्गत किसान समीपवर्ती ई-मित्र कियोस्क में जाकर या खुद राजकिसान साथी पोर्टल पर जाकर इस योजना के तहत आवेदन कर सकते हैं।