बिहार में पान उत्पादन को बढ़ावा देने की कोशिश की जा रही है। पान की खेती का रकबा बढ़ाना पान विकास योजना का एक हिस्सा है।
पान विकास योजना के तहत बिहार सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 से 2025-26 के लिए 42.50 हेेक्टेयर में पान का क्षेत्र विस्तार करने के लिए 05 करोड़ रुपये की अनुमति मिली है।
कृषि भवन, पटना के सभागार में पान की खेती को और अधिक लाभप्रद बनाने तथा इसमें आ रही तकनीकी समस्याओं को दूर करने व पान उत्पादक किसानों की परेशानियों को समझने के लिए एक कार्यशाला का आयोजन किया गया है।
बिहार के कृषि मंत्री मंगल पाण्डेय ने इस कार्यशाला में पान उत्पादक किसानों से सीधा संवाद किया।
कृषि मंत्री ने कहा कि युवा पान उत्पादक किसानों का हौसला देखकर उन्हें बहुत प्रसन्नता हो रही है। उन्होंने कहा कि पान उत्पादक किसानों को अधिक आर्थिक लाभ पहुंचाने के लिए पान के खेती के क्षेत्र को बढ़ाने की आवश्यकता है।
पान के विभिन्न प्रकार और गुणवत्तायुक्त बीज की उपलब्धता के साथ-साथ उत्पादन, भंडारण, और विपणन की उचित व्यवस्था होनी चाहिए, ताकि पान उत्पादक किसानों को अधिकतम लाभ मिल सके।
उन्होंने बताया कि बिहार सरकार के कृषि विभाग ने वित्तीय वर्ष 2024-25 से 2025-26 के लिए पान विकास योजना के तहत 42.50 हेक्टेयर में पान की खेती के विस्तार के लिए 5 करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं।
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कृषि विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने कहा कि पान की खेती करने वाले किसानों को भी किसान क्रेडिट कार्ड दिए जाएंगे।
उन्होंने बताया कि पान पर अनुसंधान और तकनीकी जानकारी उपलब्ध कराने के लिए नालंदा जिले के इस्लामपुर प्रखंड में एक पान अनुसंधान केंद्र स्थापित किया गया है।
पान अनुसंधान केंद्र में शेडनेट के तहत पान की खेती का प्रदर्शन और ऑयल एक्सट्रैक्शन यूनिट भी स्थापित किया गया है।
साथ ही, नूरसराय के उद्यान महाविद्यालय को पान पर अनुसंधान करने का निर्देश दिया गया है। पान उत्पादक किसानों का एक-एक करके सर्वेक्षण किया जाएगा।
पान से संबंधित योजना में "पहले आओ, पहले पाओ" की नीति को समाप्त कर लाभार्थियों का चयन लॉटरी के माध्यम से किया जाएगा।