MSP खरीद 2025 - 1 अप्रैल से शुरू होगी चना और सरसों की खरीद किसान जल्द करें आवेदन

By : Tractorbird News Published on : 25-Mar-2025
MSP

रबी फसलों की कटाई जोरों पर है, और किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाने के लिए सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीद सुनिश्चित कर रही है। 

इसी क्रम में, राजस्थान सरकार ने चना और सरसों की MSP पर खरीद और किसानों के पंजीकरण की तिथियां निर्धारित कर दी हैं। 

सहकारिता राज्य मंत्री गौतम कुमार दक ने जानकारी दी कि रबी सीजन 2025-26 के लिए चना और सरसों की खरीद की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।

MSP और खरीद केंद्रों की व्यवस्था

  • भारत सरकार ने इस वर्ष सरसों का समर्थन मूल्य ₹5950 प्रति क्विंटल और चने का समर्थन मूल्य ₹5650 प्रति क्विंटल तय किया है। 
  • राज्य में चना और सरसों की खरीद के लिए 505-505 केंद्र स्थापित किए गए हैं। किसान 1 अप्रैल 2025 से ई-मित्र केंद्रों पर जाकर अपना पंजीकरण करवा सकेंगे।

खरीद प्रक्रिया की शुरुआत

  • चना और सरसों की खरीद 10 अप्रैल से प्रारंभ होगी। इस वर्ष राज्य में अनुमानित रूप से 62 लाख मैट्रिक टन सरसों और 23 लाख मैट्रिक टन चने का उत्पादन होगा। 
  • भारत सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्यों के तहत राज्य में 13.89 लाख मैट्रिक टन सरसों और 6.30 लाख मैट्रिक टन चने की खरीद की जाएगी।

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खरीद केंद्रों का वितरण

  • सरकार ने नैफेड और एनसीसीएफ के माध्यम से खरीद की व्यवस्था की है। नैफेड को 288-288 और एनसीसीएफ को 217-217 केंद्रों का आवंटन किया गया है। 
  • कुल मिलाकर, दोनों फसलों के लिए 505-505 खरीद केंद्र स्थापित किए गए हैं। 
  • एनसीसीएफ द्वारा अजमेर, जोधपुर, बीकानेर और कोटा के 19 जिलों में तथा नैफेड द्वारा जयपुर, उदयपुर, श्रीगंगानगर और भरतपुर के 21 जिलों में खरीद कार्य किया जाएगा।

किसान कैसे कराएं पंजीकरण?

  • किसान 1 अप्रैल से अपने नजदीकी ई-मित्र केंद्र पर जाकर चना और सरसों की बिक्री के लिए पंजीकरण करा सकते हैं। 
  • पंजीकरण के दौरान गिरदावरी और पासबुक की प्रतियां अनिवार्य रूप से अपलोड करनी होंगी। समर्थन मूल्य पर खरीद प्रक्रिया बायोमेट्रिक सत्यापन के आधार पर होगी।

अन्य सुविधाएं

  • किसानों की सुविधा के लिए राजफैड ने एक कॉल सेंटर (18001806001) स्थापित किया है। 
  • किसानों को सलाह दी गई है कि वे अपनी फसल को अच्छी तरह साफ करके और गुणवत्ता मानकों के अनुसार तैयार करके ही खरीद केंद्रों पर लाएं। 
  • सहकारिता मंत्री ने किसानों को आश्वस्त किया है कि वे अपनी उपज ग्राम सेवा सहकारी समिति या नामित खरीद केंद्रों पर बिना किसी असुविधा के बेच सकते हैं।

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