वित्त मंत्री सीतारमण का ऐलान , कृषि इनपुट पर जीएसटी कटौती की समीक्षा जारी
By : Tractorbird News Published on : 29-Mar-2025
वस्तु एवं सेवा कर (GST) के सरलीकरण हेतु गठित मंत्रियों के समूह (GoM) द्वारा आवश्यक कृषि इनपुट जैसे ड्रिप सिंचाई प्रणाली, उर्वरक और कीटनाशकों पर जीएसटी दरों में संभावित कटौती की समीक्षा की जा रही है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 25 मार्च को संसद में वित्त विधेयक पर चर्चा के दौरान इस विषय पर जानकारी दी।
खाद्य क्षेत्र की जीएसटी दरों पर पुनर्विचार
- समिति न केवल कृषि इनपुट बल्कि खाद्य क्षेत्र से जुड़े उत्पादों पर भी जीएसटी दरों का पुनर्मूल्यांकन कर रही है।
- इस कदम से उपभोक्ताओं और खाद्य उद्योग में कार्यरत व्यवसायों को महत्वपूर्ण राहत मिलने की संभावना है।
- भारतीय किसान संघ (BKS) समेत कई किसान संगठनों ने सरकार से मांग की है कि कृषि उपकरण और आवश्यक इनपुट पर जीएसटी पूरी तरह समाप्त किया जाए, क्योंकि इन करों के कारण खेती की लागत बढ़ रही है और किसानों पर वित्तीय बोझ बढ़ता जा रहा है।
जीएसटी प्रतिगामी नहीं है: वित्त मंत्री सीतारमण
जीएसटी को एक प्रतिगामी कर मानने के दावों को खारिज करते हुए वित्त मंत्री ने कहा, "यह कहना गलत है कि जीएसटी प्रगतिशील नहीं है।" उन्होंने स्पष्ट किया कि अधिकांश आवश्यक उपभोक्ता वस्तुओं पर कम कर दर लागू है, जबकि 28% की उच्चतम जीएसटी दर केवल 3% से भी कम वस्तुओं पर लगाई जाती है, जिनका उपयोग आम जनता कम करती है।
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जीएसटी लागू होने के बाद कर दरों में गिरावट
- वित्त मंत्री ने यह भी बताया कि जीएसटी लागू होने के बाद से औसत कर दरों में कमी आई है।
- उन्होंने कहा, "मार्च 2023 तक, औसत जीएसटी दर 12.2% थी, जो कि पूर्ववर्ती अप्रत्यक्ष कर प्रणाली के 15% के मुकाबले कम है।
- इसके अतिरिक्त, उन्होंने स्पष्ट किया कि धार्मिक स्थलों में प्रसाद पर कोई जीएसटी नहीं लगाया जाता। "मंदिरों और गुरुद्वारों में वितरित होने वाले प्रसाद को जीएसटी से मुक्त रखा गया है," उन्होंने आश्वस्त किया।
- 2017 में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के एक अध्ययन में जीएसटी की भारित औसत दर 14.4% आंकी गई थी, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में इसमें लगातार गिरावट आई है।
2026 तक जारी रहेगा जीएसटी मुआवजा उपकर
- जीएसटी मुआवजा उपकर (Compensation Cess) को लेकर जारी चिंताओं पर प्रतिक्रिया देते हुए वित्त मंत्री ने स्पष्ट किया कि इसे उन ऋणों की अदायगी के लिए जारी रखा गया है, जो राज्यों को जीएसटी लागू होने के शुरुआती वर्षों में हुए राजस्व घाटे की भरपाई के लिए गए थे।
- "हम जीएसटी से प्राप्त उपकर का उपयोग जीएसटी क्षतिपूर्ति ऋण को चुकाने के लिए कर रहे हैं। यह ऋण 2026 की शुरुआत तक पूरी तरह चुका दिया जाएगा," उन्होंने जानकारी दी।
- शुरुआत में यह उपकर केवल पांच वर्षों के लिए लागू किया गया था ताकि राज्यों के राजस्व नुकसान की भरपाई की जा सके।
- हालांकि, जून 2022 में आधिकारिक मुआवजा अवधि समाप्त होने के बावजूद, कोविड-19 महामारी के दौरान केंद्र सरकार द्वारा लिए गए ₹2.69 लाख करोड़ के ऋण के पुनर्भुगतान के लिए इसका संग्रह जारी रखा गया है।
जीएसटी दरों में संभावित संशोधन के प्रभाव
यदि मंत्रियों का समूह (GoM) कृषि इनपुट पर कर कटौती की सिफारिश करता है, तो इससे किसानों की लागत में कमी आएगी और खेती से जुड़े लाखों लोगों को सीधा लाभ मिलेगा।
इसी तरह, खाद्य क्षेत्र की जीएसटी दरों पर पुनर्विचार से कर ढांचे में बदलाव संभव है, जिससे व्यापार जगत और उपभोक्ताओं पर व्यापक प्रभाव पड़ सकता है।
इस मुद्दे पर चर्चाएं अभी भी जारी हैं, और कृषि एवं खाद्य उद्योग से जुड़े सभी हितधारक संभावित जीएसटी सुधारों से संबंधित आगामी घोषणाओं की प्रतीक्षा कर रहे हैं।