किसानों को बैलों से खेती करने के लिए मिलेगा 30,000 रुपए का अनुदान
By : Tractorbird Published on : 13-Jun-2025
सरकार किसानों के लिए समय समय पर नई योजनाए लाती रहती है जिससे की किसानों की आय में वृद्धि हो सकें। किसानों की मदद करने के लिए राजस्थान सरकार ने भी नई योजना चलाने का एलान किया है।
इस योजना के माध्यम से सरकार किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत करेगी। नीचे आप इस योजना के बारे में विस्तार से जानेंगे।
राजस्थान सरकार की नई योजना
- राजस्थान सरकार ने छोटे किसानों को पारंपरिक खेती की ओर प्रेरित करने के लिए एक नई योजना शुरू की है।
- मुख्यमंत्री द्वारा प्रस्तुत बजट 2025-26 के तहत, सरकार उन लघु और सीमांत किसानों को हर वर्ष 30,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि देगी, जो आज भी आधुनिक मशीनों की बजाय बैलों की मदद से खेती करते हैं।
- इस पहल का उद्देश्य पारंपरिक कृषि विधियों को बढ़ावा देना है, साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में पशुधन संरक्षण और किसानों की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ बनाना भी है।
किसानों को मिलगा 30,000 रुपये का अनुदान
- राजस्थान सरकार ने मुख्यमंत्री बजट घोषणा वर्ष 2025-26 के अंतर्गत परंपरागत खेती को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से बजट घोषणा संख्या 129.16.00 के तहत एक नई योजना की शुरुआत की है।
- इस योजना के तहत, बैलों की मदद से खेती करने वाले लघु और सीमांत किसानों को प्रतिवर्ष 30,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी।
- यह पहल न केवल पारंपरिक कृषि को बढ़ावा देगी, बल्कि पशुधन आधारित खेती में किसानों को आत्मनिर्भर बनाने में भी सहायक होगी। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों के छोटे किसानों के लिए यह योजना एक महत्वपूर्ण राहत साबित हो सकती है।
किन किसानों को मिलेगा लाभ ?
इस योजना का लाभ निम्नलिखित पात्र किसानों को मिलेगा:
- जिनके पास एक जोड़ी (दो बैल) हैं।
- जो लघु या सीमान्त किसान श्रेणी में आते हैं।
- जिनके पास तहसीलदार से प्रमाणित लघु/सीमान्त किसान प्रमाण पत्र है।
- जिनके बैलों का पशु बीमा और स्वास्थ्य प्रमाण पत्र उपलब्ध है।
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विशेष पात्रता:
मंदिर भूमि पर खेती करने वाले पुजारी।
वनाधिकार पट्टा धारक जनजातीय किसान, यदि वे सभी आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत करते हैं।
आवेदन प्रक्रिया
- आवेदन केवल ऑनलाइन माध्यम से मान्य होगा।
- किसान राजकिसान साथी पोर्टल पर जाकर या निकटतम ई-मित्र केंद्र से आवेदन कर सकते हैं।
- आवेदन के लिए जनाधार संख्या आवश्यक है।
जरूरी दस्तावेज (स्कैन करके अपलोड करें):
- किसान और बैलों की संयुक्त फोटो होनी चाहिए।
- बैलों की बीमा पॉलिसी होनी आवश्यक है।
- पशु चिकित्सक द्वारा जारी स्वास्थ्य प्रमाण पत्र की आवश्यकता।
- ₹100 के नॉन-ज्यूडिशियल स्टाम्प पेपर पर शपथ पत्र देना होगा।
- तहसीलदार द्वारा प्रमाणित लघु/सीमान्त किसान प्रमाण पत्र देना होगा।
अनुदान वितरण प्रक्रिया
प्राप्त आवेदनों का ऑनलाइन सत्यापन संबंधित विभागीय अधिकारी द्वारा किया जाएगा।
योजना का लाभ "पहले आओ, पहले पाओ" के आधार पर प्रदान किया जाएगा।
यह योजना परंपरागत खेती को प्रोत्साहन देने के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों के छोटे किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।