कैबिनेट ने किसानों के लिए 1.5 प्रतिशत ब्याज छूट योजना को वित्त वर्ष 2025-26 के लिए मंजूरी दी

By : Tractorbird Published on : 29-May-2025
कैबिनेट

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने किसानों के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में वित्त वर्ष 2025-26 के लिए संशोधित ब्याज छूट योजना (एमआईएसएस) के अंतर्गत ब्याज छूट (आईएस) घटक को जारी रखने और आवश्यक निधि व्यवस्था को मंजूरी दी है, जिससे की किसानों को किसान कार्ड ब्याज पर भारी छूट मिलेगी।

ब्याज छूट योजना

आपकी जानकरी के लिए बता दे कि संशोधित ब्याज छूट योजना केंद्रीय क्षेत्र की एक योजना है जिसका उद्देश्य किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) के माध्यम से किसानों को सस्ती ब्याज दर पर अल्पकालिक ऋण की उपलब्धता सुनिश्चित करना है। योजना के अंतर्गत किये जाने वाले निम्नलिखित कार्य :

  • इस योजना के अंतर्गत किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) के माध्यम से 7 प्रतिशत की रियायती ब्याज दर पर 3 लाख रुपये तक के अल्पकालिक ऋण मिले, इसके लिए सरकर ने ऋण देने वाली पात्र संस्थाओं को 1.5 प्रतिशत ब्याज छूट प्रदान की है।
  • इसके अलावा, जो किसान समय पर ऋण चुकाते है वो शीघ्र पुनर्भुगतान प्रोत्साहन (पीआरआई) के रूप में 3 प्रतिशत तक के प्रोत्साहन के पात्र हैं, इससे किसानों का फायदा होता है जिससे की किसान क्रेडिट कार्ड ऋणों पर उनकी ब्याज दर प्रभावी रूप से 4 प्रतिशत हो जाती है।
  • इस योजना के अलावा केवल पशुपालन या मत्स्य पालन हेतु लिए गए ऋणों पर ब्याज लाभ 2 लाख रुपये तक लागू है।सरकर ने जानकारी देते हुए योजना की संरचना या अन्य घटकों में कोई बदलाव प्रस्तावित नहीं किया है।
  • इस योजना के अंतरगत किसानों के देश में 7.75 करोड़ से अधिक किसान क्रेडिट कार्ड खाते हैं। 
  • इस सहायता को जारी रखना कृषि के लिए संस्थागत ऋण के प्रवाह को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है, ये योजना उत्पादकता बढ़ाने, छोटे और सीमांत किसानों के लिए वित्तीय समावेशन सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है।

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कृषि ऋण की मुख्य विशेषताएं

  • इस कृषि ऋण से किसानों को अनेको फायदे मिलते है, इनके लाभ निम्नलिखित दिए गए है। 
  • किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से संस्थागत ऋण संवितरण वर्ष 2014 में 4.26 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर दिसंबर 2024 तक 10.05 लाख करोड़ रुपये हो गया।
  • योजना के अंतरगत समग्र कृषि ऋण प्रवाह भी वित्त वर्ष 2013-14 में 7.3 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 2023-24 में 25.49 लाख करोड़ रुपये हो गया।
  • अगस्त 2023 में किसान ऋण पोर्टल (केआरपी) के शुभारंभ जैसे डिजिटल सुधारों ने दावा प्रक्रिया में पारदर्शिता और दक्षता को बढ़ाया है।
  • ग्रामीण और सहकारी बैंकों को सहायता देने और किसानों को कम लागत वाले ऋण तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए, ब्याज छूट दर को 1.5 प्रतिशत पर बनाए रखना आवश्यक है, यह निर्णय वर्तमान ऋण लागत प्रवृत्तियों, औसत एमसीएलआर (वह न्यूनतम ब्याज दर है जो बैंकों को अपनी उधार देने की दर के रूप में निर्धारित करनी होती है) करते है।
  • कैबिनेट का निर्णय किसानों की आय को दोगुना करने, ग्रामीण ऋण इको-सिस्टम को मजबूत करने और समय पर और सस्ती ऋण पहुंच के माध्यम से कृषि विकास को बढ़ावा देने के लिए सरकार की अटूट प्रतिबद्धता को पुष्ट करता है।

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