भारतीय मौसम विज्ञान विभाग द्वारा लागू किए गए जून महीने के कृषि कार्य
By : Tractorbird News Published on : 15-Jun-2023
जून के महीने में मौसम बहुत परिवर्तनशील रहता है और इस महीने से खरीफ मौसम की फसलों की बुवाई भी शुरू हो जाती है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग मौसम के अनुमान के हिसाब से किसानों के लिए कृषि परामर्श जारी करता है जिससे किसान खेती के कार्य मौसम के हिसाब से कर सकते है।
धान का की फसल में किए जाने वाले मुख्य कार्य
- चावल की संस्तुत किस्मों को ही उगाएं, 20 जून तक धान की नर्सरी की बुवाई किस्मों की अवधी के अनुसार पूर्ण करें।
- खेत में धान की पौध की रोपाई करने से पहले और सीधी बुवाई से पहले भूमि को सटीक रूप से समतल करने के लिए लेजर लैंड लेवलर का उपयोग करें। समतल खेत होने से पानी पुरे खेत में एकसार खड़ा रहता है।
- धान की नर्सरी में जड़-गाँठ सूत्रकृमि के प्रबंधन के लिए सरसों की खली - 40 ग्राम/वर्ग मीटर का प्रयोग करें।
- नर्सरी में दिन के समय पानी का ठहराव तीव्र होने के कारण युवा पौध के लिए बहुत हानिकारक होता है इसलिए किसानों को दिन के समय नर्सरी में पानी नहीं देना चाहिए। नर्सरी में केवल शाम के समय ही सिंचाई करें।
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कपास की फसल में किए जाने वाले मुख्य कार्य
- कपास के खेत में खरपतवार प्रबंधन की सलाह दी जाती है।
- किसानों को सलाह दी जाती है कि रोग के आगे प्रसार को रोकने के लिए रोग से मुरझाए पौधों को उखाड़ दें।
- किसानों को यह भी सलाह दी जाती है कि वे अपने खेत की नियमित निगरानी करें क्योंकि यह मौसम किसानों की फसल के लिए बहुत नाजुक है।
- कपास लीफ कर्ल विषाणु रोग को ख़त्म करने के लिए खेत का निरक्षण करते रहें, यदि कोई पौधा इस रोग से ग्रसित पाया जाता है तो उसे तुरंत उखाड़ दें और नष्ट कर दे।
- किसानों को सलाह दी जाती है कि वे खेत में उगने वाली कांघी बूटी, पीली बूटी, पुठकंडा आदि खरपतवारों को नष्ट कर दें।
गन्ने की फसल में किए जाने वाले मुख्य कार्य
- जून में गन्ने की पंक्तियों के किनारे फसल को नाइट्रोजन की दूसरी खुराक टाप ड्रेस या ड्रिल करें।
- गन्ने की फसल में दीमकों के नियंत्रण के लिए 400 लीटर कोराजन 18.5 एससी (क्लोरेंट्रानिलिप्रोल*) की 200 मिली मात्रा का प्रयोग करें।
- तना छेदक को नियंत्रित करने के लिए ट्राइकोग्रामा चिलोनिस प्रति एकड़ 10 दिनों के अंतराल पर जून के अंत तक दें।
- चौड़ी पत्तियों वाले खरपतवारों के नियंत्रण के लिए 200 लीटर पानी में 2,4-डी सोडियम साल्ट 80WP का प्रति एकड़ के हिसाब से छिड़काव करें।
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सब्जियों में किए जाने वाले जून महीने के मुख्य कार्य
- किसानों को सलाह दी जाती है कि वे मौसम और आवश्यकता के अनुसार फसल में सिंचाई और रासायनिक छिड़काव करें और हवा/तूफानी दिन सिंचाई से बचें।
- बैंगन के फल एवं तना छेदक कीट को नियंत्रित करने के लिए प्रति एकड़ 100-125 लीटर पानी में प्रोक्लैम 5 एसजी @80 ग्राम या कोराजन 18.5 एससी @80 मि.ली. घोल का छिड़काव करें। इसी घोल का प्रयोग करके बैंगन माइट को भी नियंत्रित किया जा सकता है।
- ओमाइट 57 ईसी 300 मि.ली. को 100-150 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ छिड़काव करें।
- खीरे और अन्य सब्जियों जैसे टमाटर, मिर्च, बैंगन और भिंडी की नियमित अंतराल पर कटाई करें ताकि अधिकतम उपज प्राप्त हो सके।
- सब्जियों में पानी की कमी से बचने के लिए 4-5 दिनों के अंतराल पर नियमित रूप से सिंचाई करें।
फल के बागों में किए जाने वाले जून माह के कृषि कार्य
- किसानों को सलाह दी जाती है कि वे मौसम और आवश्यकता के अनुसार फसल में सिंचाई और रासायनिक छिड़काव करें।
- किन्नू और संतरे के कीट विशेष रूप से साइला और एफिड्स के नियंत्रण के लिए, 200 मि.ली. कॉन्फिडोर 17.8 एसएल या 160 ग्राम एक्टारा या 25 WG (थियामेथोक्सम) का 200 लीटर पानी में छिड़काव करें।
- साइट्रस कैंकर को नियंत्रित करने के लिए पौधे के प्रभावित हिस्से जैसे पत्तियां, शाखाएं काटकर जलाकर नष्ट कर दें।
- काटे गए पेड़ों पर बोर्डो मिश्रण (2:2:250) का छिड़काव करना चाहिए और बोर्डो पेस्ट को पेड़ों की कटी हुई सतह और तने पर लगाएं।
- जिंक सल्फेट @4.7 ग्राम और मैंगनीज सल्फेट @3.3 ग्राम प्रति लीटर पानी में नींबू के बागान में छिड़काव किया जा सकता है।
- इन दिनों में बेर के पेड़ों की छंटाई शुरू की जा सकती है।