गन्ने की खेती (sugarcane farming) करने वाले किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण खबर आई है। इस समय गन्ना पेराई सत्र चल रहा है। ऐसे में, चीनी मिले गन्ने की खरीद करने के लिए किसानों को एसएमएस (SMS) में गन्ना पर्ची (sugarcane slip) भेज रही है। लेकिन कई किसानों को गन्ना पर्ची एसएमएस (sugarcane slip sms) नहीं मिल रहा है, जिससे उनकी गन्ने की फसल बेचने में मुश्किल हो रही है।
यह देखते हुए, राज्य सरकार ने गन्ना किसानों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए हैं ताकि उन्हें गन्ना पर्ची एसएमएस (Sugarcane Slip SMS) घर बैठे मिल सके, जिससे वे समय पर गन्ना बेच सकें। ऐसे में गन्ना किसानों के लिए गन्ना पर्ची से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी जानना अत्यंत महत्वपूर्ण है। ताकि वे बिना किसी बाधा के गन्ने का विक्रय कर सकें, उन्हें इससे संबंधित निर्देशों का भी पालन करना होगा।
राज्य सरकार ने किसानों के लिए एक ई-गन्ना पर्ची सिस्टम शुरू किया है। यह किसानों को गन्ने की सप्लाई से संबंधित सभी जानकारी देता है। गन्ना पर्ची कैलेंडर (Sugarcane Slip Calendar) किसानों को चीनी मिल से संबंधित सर्वे, टोल भुगतान, विकास समस्या आदि की जानकारी देता है।
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उन्हें इसके लिए कहीं जाने की जरूरत नहीं है। किसान घर बैठे अपने मोबाइल पर सभी जानकारी पाएंगे। सिस्टम में पारदर्शिता आएगी और गन्ने की कालाबाजारी पर रोक लगेगी, जो इस पर्ची का सबसे बड़ा लाभ है। किसानों को समय और पैसे की बचत भी होगी। उन्हें गन्ना पर्ची के लिए इधर-उधर घूमने की जरूरत नहीं है।
राज्य में गन्ना पेराई सत्र 2023-24 में प्रदेश के गन्ना किसानों को गन्ना पर्चियां मोबाइल फोन पर एमएमएस के माध्यम से भेजी जा रही हैं, जिससे वे घर बैठे सभी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। वह अपना गन्ना समय पर लेकर चीनी मिलों पर पहुंच सके, ताकि उन्हें गन्ना बेचने में कोई परेशानी नहीं होगी। लेकिन कई किसानों को गन्ना पर्ची नहीं मिली है, इसलिए शासन ने किसानों को आसानी से गन्ना पर्ची प्राप्त करने के लिए कुछ दिशा-निर्देश दिए हैं।
उत्तर प्रदेश के गन्ना आयुक्त ने किसानों से अपील की है कि वे हमेशा अपने मोबाइल को चालू रखें और इसका इनबॉक्स खाली रखें। उत्तर प्रदेश के गन्ना एवं चीनी आयुक्त, प्रभु एन. सिंह ने बताया कि पेराई सत्र 2022–2023 में प्रदेश के गन्ना किसानों को गन्ना पर्चियां केवल एसएमएस के रूप में भेजी जाएंगी। इसलिए, गन्ना किसानों को ERP पर सही मोबाइल नंबर पंजीकृत करना महत्वपूर्ण है।
इसके लिए, उन्होंने गन्ना किसानों से अपील की है कि वे EPR पर पंजीकृत अपने मोबाइल नंबर की जांच करें और अगर कोई गलत नंबर सामने आता है तो उसे बदल दें। अगर यह गलत है, तो उसे अपने गन्ना पर्यवेक्षक से सूचित करें या ई-गन्ना एप पर अपना सही मोबाइल नंबर अपडेट करें। इससे आप आसानी से गन्ना आपूर्ति से संबंधित एसएमएस प्राप्त कर सकेंगे।
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गन्ना आयुक्त सिंह ने कहा कि विभाग की ओर से किसानों को गन्ना आपूर्ति के लिए उनके मोबाइल पर भेजी जाने वाली करीब 10 प्रतिशत एसएमएस गन्ना पर्चियों की डिलीवरी हर दिन फेल हो रही है। इसका कारण किसान के ईआरपी पर पंजीकृत मोबाइल नेटवर्क क्षेत्र में उपलब्ध नहीं है या उनके मोबाइल का एसएमएस इनबॉक्स भरा हुआ है। डीएनडी एक्टिवेट होने पर मोबाइल स्विच ऑफ होने पर एसएमएस पर्ची का संदेश 24 घंटे के बाद स्वतः निरस्त हो जाता है। ऐसे में किसान पर्ची की जानकारी नहीं पा सकता।
यह तकनीकी समस्या हल करने के लिए किसान भाई को एसएमएस पर्ची आसानी से प्राप्त करने के लिए निम्नलिखित निर्देशों का पालन करना चाहिए।