राजस्थान में अब ड्रोन की सहायता से कृषि होगी आसान, इसके लिए जोबनेर में ड्रोन द्वारा नैनो यूरिया स्प्रे का सजीव प्रदर्शन किया गया है। कृषि मंत्री लालचंद कटारिया, कृषि विभाग के प्रमुख सचिव दिनेश कुमार, कृषि आयुक्त कानाराम की मौजूदगी में ड्रोन से फसल पर स्प्रे हुआ।
इस दौरान कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने कहा कि दुनियाभर में कृषि कार्यों को आसान करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और ड्रोन का उपयोग बढ़ रहा है जिससे किसानों के लिए खेती करना आसान होगा। कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने कहाँ की भारत देश में भी सरकार कृषि क्षेत्र में तकनीक के उपयोग को बढ़ावा दे रही है, ताकि बेहतर उपज के साथ-साथ किसानों की आय में भी वृद्धि हो और किसानों का कृषि कार्य भी आसान बने। महाराष्ट्र, राजस्थान समेत कई राज्यों के प्रगतिशील किसान खेती-किसानी के कार्यों में ड्रोन का उपयोग करने लगे हैं। जिससे खेत में समय पर स्प्रे का काम हो जाता है।
आने वाले समय में कृषि में ड्रोन की मांग एवं उपयोग में काफी बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। भारत में ड्रोन का इस्तेमाल तेजी से बढ़ा है। कृषि ड्रोन खेती के आधुनिक उपकरणों में से एक हैं, जिसके इस्तमाल से किसानों को काफी मदद मिल सकती है।
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राज्य सरकार द्वारा दो वर्षों में लगभग 1500 ड्रोन विभिन्न कस्टम हायरिंग केन्द्र पर उपलब्ध कराये जायेंगे। सरकार किसनो को ड्रोन पर लागत का 40 प्रतिशत अधिकतम 4 लाख रूपए का सहयोग मिलेगा साथ ही किसानों के खेतों पर प्रदर्शन के लिए अधिकतम राशि रू. 6000/- प्रति हेक्टेयर का अनुदान किसानों को दिया जायेगा।
इन कस्टम हायरिंग केन्द्र द्वारा राज्य के ऐसे कृषक जी कम आय के कारण उन्नत एवं मंहगे कृषि उपकरणों को खरीदने में सक्षम नहीं हैं, उन्हें ड्रोन किराये पर उपलब्ध कराये जा सकेंगे। जिससे किसान कम लागत पर एवं कम समय में व्यापक क्षेत्र में कृषि रसायनों का छिड़काव कर सकेंगे।
कृषकों को जागरूक करने के लिय आज सभी जिलों में 20 हैक्टेयर क्षेत्र मे ड्रोन प्रर्दशनों का आयोजन किया जा रहा है। राज्य स्तरीय प्रदर्शन आपके गांव में किया जा रहा है। प्रथम चरण में नैनो यूरिया के उपयोग को बढ़ावा देने के लिये ड्रोन का उपयोग किया जा रहा है। इसके अलावा ड्रोन का उपयोग निम्न कार्यों के लिये भी किया जा सकेगा।
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इस योजना के बारे में कृषि विभाग के प्रमुख सचिव दिनेश कुमार ने कहा कि कृषि क्षेत्र में आधुनिक कृषि यंत्रों की महत्ता बढ़ती जा रही है और उत्पादन को बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा खेती के आधुनिक कृषि यंत्रों के प्रयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है। आधुनिक कृषि यंत्रों की श्रंखला में ड्रोन को शामिल किया गया है। ड्रोन की सहायता से काफी बड़े क्षेत्रफल में उर्वरक और दवा का समान रूप से कम समय में छिड़काव किया जा सकता है। जिससे उर्वरक / दवा और समय दोनों की बचत होती है।