बिहार राज्य सरकार द्वारा कृषि यांत्रिकीकरण योजना के माध्यम से बिहार के कृषकों को 90 कृषि उपकरणों पर अनुदान प्रदान कर रही है।
आवेदन हेतु आखिरी तिथि 31 दिसंबर थी, फिलहाल अब बढ़कर 17 जनवरी हो गई है। देश की केंद्र व राज्य सरकारें कृषकों को उपकरणों पर अनुदान उपलब्ध करा रही हैं।
सरकारें किसानों को पराली प्रबंधन से लेकर अन्य फसलों के भी प्रबंधन हेतु काफी हद तक उपकरणों पर अनुदान दे रही है।
बिहार राज्य सरककर भी इसी क्रम में किसानों को 90 कृषि उपकरणों पर अच्छी खासी छूट उपलब्ध करा रही है। किसानों के लिए खुशखबरी यह है, कि अब योजना की अंतिम समयावधि को बढ़ा दिया गया है।
किसान भाई योजना से लाभांवित होने के लिए अति शीघ्र आवेदन करलें।
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कृषि यांत्रिकीकरण योजना का अधिकाँश किसान लाभ उठा सकें इसलिए कृषि विभाग द्वारा इसके आवेदन की समयावधि 31 दिसंबर से 17 जनवरी कर दिया है।
पहले किसान इस योजन का लाभ केवल 31 दिसंबर तक ले सकते थे। लेकिन अब वह 17 जनवरी तक आवेदन कर उपकरणों पर अनुदान प्राप्त कर सकते हैं। सरकार एससी-एसटी वर्ग को 80 फीसद एवं सामान्य वर्ग को 40 से 50 फीसद, कृषि उपकरणों पर अनुदान मुहैय्या कराएगी।
यदि किसान क्षेत्रीय यंत्र निर्माताओं से कृषि उपकरण खरीदें तब उस स्थिति में विभागीय स्तर से 10 फीसद अधिक अनुदान उपलब्ध कराया जाएगा।
अगर हम कृषि यंत्रों की बात करें तो किसान अपनी फसल के प्रबंधन हेतु हैप्पी सीडर, रीपर कम बाइंडर, रोटरी मल्चर, सुपर सीडर व अन्य यंत्र अनुदान पर ले सकते हैं।
कृषि कार्य हेतु किसानों की मजदूरों पर निर्भरता को खत्म करने के लिए सरकार द्वारा 9 कृषि यंत्र किसानों को उपलब्ध करा रही है। इसके अंतर्गत ड्रम सीडर, सीड ड्रील, पैडी ट्रांसप्लांटर, पैडर की भाँति आवश्यक यंत्र अनुदान पर मुहैय्या करा रही है।
इन उपकरणों से मजदूरों पर निर्भरता में कमी आएगी और किसान अपनी खेती की बुवाई व कटाई समयानुसार भी की जा सकती है। साथ ही, पकी पकाई फसल को काटने स्ट्रॉ फीडर, हेतु मिनी राइस मिल व और भी बहुत सारे कृषि यंत्रों की खरीद की जा सकती है।
इसके साथ-साथ कुल मिलाकर 90 प्रकार के उपकरण जैसे पैडी थ्रेसर, सिंचाई पाइप, कल्टीवेटर, थ्रेसर, चैप कटर एवं कृषि कार्य में उपयोग होने वाले उपकरण किसान भाइयों को अच्छी खासी छूट के साथ उपलब्ध किए जा रहे हैं।
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अधिकारियों के कहने के मुताबिक, किसान परमिट जारी होने के उपरांत यंत्र नहीं खरीदते हैं। जो कि विभाग के लिए काफी दिक्कत पैदा करता है।
इस बात को देखते हुए, आला अधिकारियों ने परमिट जारी होने के 7 दिन के अंदर उपकरण खरीदना निर्धारित कर दिया है। जिसकी समयावधि पूर्व में 15 दिन की हुआ करती थी।