राज्य सरकारें किसानों के लिए समय-समय पर नई योजनाएं चलाती हैं। जिससे की किसानों को लाभ हो सके और उनकी आय में वृद्धि हो। इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश सरकार का कृषि विभाग गेहूं, चना, मसूर और सरसों के बीजों पर 50 प्रतिशत की बेहतरीन सब्सिडी दे रहा है। सरकार की इस योजना का लाभ उठाने के लिए राज्य के किसानों को कृषि विभाग के पोर्टल पर जाकर आवेदन करना होगा। इस लेख में आप इस योजना से जुड़ी सम्पूर्ण जानकारी के बारे में जानेंगे।
उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के किसानों की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने के लिए एक कदम उठाया है। कृषि विभाग किसानों को गेहूं, चना, मसूर और सरसों की बीज पर अनुदान देता है। इसके लिए भी सरकार ने मार्गदर्शिका जारी की है। ताकि किसानों को इससे कोई परेशानी नहीं होगी। राज्य में गेहूं, चना, मसूर और सरसों के बीज पर लगभग 50 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जाती है। किसानों को इसके लिए कृषि विभाग के पोर्टल पर ऑनलाइन पंजीकरण करना होगा।
किसानों को बीज खरीदने के लिए पहले पूरा पैसा देना होगा बाद में आपको इस योजना का लाभ प्राप्त होगा। सरकार इसके कुछ समय बाद आपके बैंक खाते में अनुदान की रकम भेजेगी। लेकिन याद रखें कि राज्य के किसान को एक साल में सिर्फ एक बार लाभ दिया जाएगा। फिर योजना का दोबारा लाभ लेने के लिए किसान को एक साल छोड़कर अगले साल लाभ मिलेगा।
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उत्तर प्रदेश में किसानों ने खेत को रबी फसल की बुवाई के लिए तैयारी करना शुरू कर दिया है। इस समय किसान अपने खेतों में अच्छी फसल की पैदावार प्राप्त करने के लिए खाद और बीज की व्यवस्था में जुटे हुए हैं। साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार ने बुवाई का समय पास आते ही राज्य के किसानों को गेहूं और अन्य फसलों के बीज देना शुरू कर दिया है।
दैनिक जागरण ने बताया कि इस बार जनपद को लगभग 10 हजार 110 क्विंटल गेहूं के बीज वितरित करने का लक्ष्य मिला है, जिसमें से लगभग 38 सौ क्विंटल गेहूं के बीज मिल चुके हैं और प्रत्येक ब्लाक के गोदामों में सुरक्षित भेज दिए गए हैं।
सरकार द्वारा इस बार गेहूं के बीज में तीन वैरायटी (करण वंदना, करण नरेंद्र और करण वैष्णवी) शामिल की हैं। ध्यान दें कि इन तीनों गेहूं के बीज की कीमत प्रति क्विंटल 4090 रुपये है। लेकिन यह कीमत बीज की पुष्टि करती है। साथ ही, आधारीय गेहूं के बीज प्रति क्विंटल 4320 रुपये तक की कीमत है। अन्य फसलों के बीजों की कीमत भी इसी तरह निर्धारित की गई है।