भारतीय मौसम विज्ञानं विभाग द्वारा जारी किसानों के लिए परामर्श
By : Tractorbird News Published on : 04-Aug-2023
अतिरिक्त वर्षा जल निकालने के बाद, अगर खेत में खाली जगह दिखाई देती है तो उसे नए पौधे लगा कर भरे।धान के खेत में केवल 2 सप्ताह तक पानी जमा रखें और उसके बाद खेती से पानी सूखने के 2 दिन बाद सिंचाई करें।
जिन खेतों में तना छेदक के कारण नुकसान दिखाई दे उनमें 60 मिलीलीटर कोराजन 18.5 एससी या 20 मिली फेम 480 एससी या 50 ग्राम ताकुमी 20 डब्लूजी या 170 ग्राम मोर्टार 75 एसजी या 1 लीटर कोरोबैन/डर्स्बन/लीथल/क्लोरगार्ड/डरमेट/क्लासिक/फोर्स 20 ईसी आदि में से किसी भी एक कीटनाशक का छिड़काव 100 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ की दर से करें।
कपास
- बीटी कपास में पैराविल्ट को नियंत्रित करने के लिए कोबाल्ट क्लोराइड @ 10 मिलीग्राम प्रति लीटर पानी (10 पीपीएम) का छिड़काव करें।
- 300 मिलीलीटर कीफुन 15 ईसी या 80 ग्राम उलाला या 60 ग्राम ओशीन 20 एसजी या 40 मिलीलीटर कॉन्फिडोर का प्रति एकड़ 100 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करके कपास जैसिड को नियंत्रित करें।
- सफेद मक्खी के प्रबंधन के लिए पत्ती मोड़न से प्रभावित पौधों को उखाड़कर नष्ट कर दें या (एफिडोपाइरोफेन) या 60 ग्राम ओशीन 20 एसजी (डाइनोटेफ्यूरान) या 200 ग्राम पोलो 50 डब्ल्यूपी (डायफेनथियूरॉन) 100 लीटर पानी में छिड़काव करें।
- समय-समय पर लीफ कर्ल वायरस संक्रमित पौधे को उखाड़कर नष्ट कर दें।
- निर्देशानुसार 100 लीटर पानी में 500 मिली ग्रैमैक्सोन 24 एसएल या 900 मिली स्वीप पावर बी5 एसएल मिलाएं और छिड़काव करें (बुआई के 6-8 सप्ताह बाद या जब फसल लगभग 40-45 सेमी लंबी हो तो फसल की पंक्तियों के बीच में खरपतवार नियंत्रण करें)
गन्ना
- अगले 4-5 दिनों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना के कारण किसानों को सलाह दी जाती है कि वे सिंचाई न करें। फसलों से अतिरिक्त पानी निकाल दें।
- स्मट रोग को नियंत्रित करने के लिए, स्मट व्हिप को एक करीबी ढक्कन के अंदर डालने के बाद धीरे से (बिना हिलाए) हटा दें।
- ट्राइकोग्रामा द्वारा परजीवीकृत (सात दिन पुराने) कोरसीरा सेफालोनिका के 20,000 अंडों वाले ट्राइको-कार्ड का उपयोग करें।
- तना छेदक को नियंत्रित करने के लिए 10 दिनों के अंतराल पर प्रति एकड़ चिलोनी डालें। फसल में 200 लीटर पानी में 2,4-डी सोडियम नमक 80WP का प्रयोग करें जिससे खरपतवार नियंत्रण आसानी से किया जा सके।
मक्का
- मक्का खड़े पानी के प्रति बहुत संवेदनशील है, इसलिए खेत से अतिरिक्त पानी निकाल दे एसा करने से डंठल की सड़न को नियंत्रण में रखने में भी मदद मिलती है।
- इष्टतम नमी स्तर पर अंतरपंक्ति खेती के लिए ट्रैक्टर संचालित उपकरणों का उपयोग करें।
- 3 प्रतिशत यूरिया घोल के साप्ताहिक दो छिड़काव से खड़े पानी से होने वाले नुकसान को कम किया जा सकता है।
- फॉल आर्मीवर्म को नियंत्रित करने के लिए, फसल पर कोराजन 18.5 एससी @ 0.4 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी का छिड़काव करें।
सब्ज़ियाँ
- कद्दू, टमाटर, मिर्च, बैंगन और भिंडी जैसी अन्य सब्जियों की कटाई नियमित अंतराल पर करें जिससे की अधिकतम उपज प्राप्त की जा सके।
- लौकी, स्पंज लौकी, करेला, ऐश लौकी, टिंडे की बुआई के लिए प्रति एकड़ 2 किलोग्राम बीज का उपयोग करें या 1.0 किलोग्राम बीज का उपयोग करें।
- भिंडी में जैसिड को 80 मिलीलीटर नीम के साथ पाक्षिक अंतराल पर एक या दो बार छिड़काव करके नियंत्रित किया जा सकता है।
फल
- बगीचों या फलदार पौधों के बागों से अत्यधिक वर्षा जल को नियमित रूप से बाहर निकालें।
- फल मक्खी के प्रबंधन के लिए नाशपाती के बगीचों में प्रति एकड़ 16 जाल की दर से फल मक्खी जाल लगाएं। इस समय सदाबहार पौधे जैसे नींबू, अमरूद, आम, लीची, चीकू, जामुन, बेल, आंवला आदि का लेआउट और रोपण आरंभ किया जा सकता है।
- नींबू वर्गीय फलों में फाइटोफ्थोरा के प्रबंधन के लिए यह आदर्श समय है। मिट्टी को रिडोमिल गोल्ड या कर्ज़ेट एम8 से गीला करें
- इस माह में @ 25 ग्राम/10 लीटर पानी/पेड़ सोडियम हाइपोक्लोराइट 5% @ 50 मि.ली. प्रति पेड़ घोलकर छिड़काव करें।
- अमरूद में फल मक्खी को नियंत्रित करने के लिए संक्रमित फलों को मिट्टी में कम से कम 60 सेमी गहरा दबा कर नष्ट कर दें।
पशुपालन
- पशु शेड का निर्माण ऊंची मंजिलों पर किया जाना चाहिए ताकि पानी की निकासी आसानी से हो सके।
- पशु शेडों में नमी को जमा नहीं होने देना चाहिए तथा इसे नियंत्रित करने के लिए खिड़कियाँ लगानी चाहिए।
- दिन के समय जब सूरज की रोशनी उपलब्ध हो तब इन्हें खोल कर रखें। स्वच्छ हवा से नमी दूर हो जाएगी और जानवरों को बचाया जा सकेगा।
- शेड में ठोस ईंटों का फर्श होना चाहिए ताकि उन्हें आसानी से साफ किया जा सके।
- कच्चे फर्श की मिट्टी को समय-समय पर बदलते रहना चाहिए।