किसानों को खेती के अलावा पशुपालन करने का भी प्रोत्साहन मिल रहा है। इसके लिए किसानों को पशुओं की खरीद, आवास और बीमा की सुविधा दी जा रही है।
इसमें पशुओं को बीमा कराने पर सरकार किसानों को 60,000 रुपये तक देगी। यह योजना किसानों और पशुपालकों के लिए फायदेमंद हो सकती है। आप इस योजना का लाभ लेने के लिए अपने पशुओं का बीमा कराना होगा।
आपको इसके लिए एक छोटा सा शुल्क देना होगा। ऐसे में, आप एक छोटी सी रकम खर्च करके पशु को चोट लगने पर 60,000 रुपए का मुआवजा राशि पा सकते हैं।
दूध उत्पादक पशुपालकों और डेयरी किसानों के लिए यह योजना बहुत फायदेमंद हो सकती है। इच्छुक पशुपालक या डेयरी किसान इस योजना में आवेदन कर सकते हैं।
राज्य सरकार के गव्य विकास निदेशालय राज्य के दुधारू पशुओं को बीमा करता है ताकि पशुपालकों को नुकसान से बचाया जा सके। सभी पशुपालकों को इस योजना का लाभ मिल सकता है।
दुधारू पशुओं को लंपी जैसी खतरनाक बीमारी से एचएसबीक्यू और अन्य कारणों से मरने पर पशुपालकों को इस योजना के तहत बीमा का लाभ मिलेगा।
यह योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुधार करना है और पशुपालक किसानों को पशु हानि से बचाना है, जिससे किसान पशुपालन करने के लिए प्रेरित हो सकें।
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राज्य सरकार की इस योजना से लाभार्थी पशुपालकों को 75 प्रतिशत तक सब्सिडी मिलेगी। किसानों को पशु बीमा प्रीमियम का भुगतान करने के लिए यह सब्सिडी दी जाएगी।
ऐसे में किसान अपने दुधारू पशुओं का बीमा कराकर प्रति पशु 60,000 रुपये का मुआवजा प्राप्त कर सकते हैं, सिर्फ 25 प्रतिशत राशि खर्च करके। इस तरह, आप इस योजना में पशु की मौत पर होने वाले नुकसान की भरपाई बहुत कम शुल्क देकर कर सकते हैं।
यदि आप इस योजना के तहत अपने दुधारू पशु का बीमा करवाते हैं, तो आपको सरकार से मिलने वाले अनुदान का भुगतान करना होगा और बाकी रकम अपने आप देनी होगा।
जैसा कि आपको ऊपर बताया गया है, राज्य सरकार इस योजना के तहत प्रीमियम राशि पर 75 प्रतिशत अनुदान दे रही है। इस योजना में प्रत्येक मवेशी का मूल्य 60,000 रुपये हो सकता है।
पशुपालक किसानों को इस पर प्रति मवेशी 3.5 प्रतिशत का बीमा प्रीमियम देना होगा। पशुपालक को 60,000 रुपए का 3.5 प्रतिशत प्रीमियम मिलता है, यानी 2100 रुपए।
राज्य सरकार की योजना सभी जिलों में पशुपालकों के लिए लागू हो रही है। यह राज्य के सभी जिलों के पशुपालकों के लिए उपलब्ध है। दुग्ध उत्पादक सहयोग समिति के सदस्यों के दुधारू पशुओं को योजना के तहत प्राथमिकता दी जाएगी।
दुधारू पशु जो स्वस्थ हैं और पशु चिकित्सक से स्वास्थ्य प्रमाण पत्र प्राप्त कर चुके हैं, बीमा योजना में शामिल होंगे। दुधारू पशुओं को बीमा करने का अवधि एक वर्ष होगा। बीमित पशु के कान में कंपनी द्वारा डेटा वर्ष टैग लगाया जाएगा, जिसकी सुरक्षा लाभार्थी की होगी।
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यह योजना गव्य विकास निदेशालय बिहार सरकार की ओर से चलाई जा रही है। ऐसे में यदि आप बिहार के पशुपालक किसान है तो आप इस योजना का लाभ ले सकते हैं। इसके लिए आप ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
इसके लिए आपको गव्य विकास निदेशालय की आधिकारिक वेबसाइट \ https://dairy.bihar.gov.in/ पर जाकर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। आवेदन से पहले आपको इस येाजना में रजिस्ट्रेशन कराना होगा।
इसके बाद आप इस योजना में आवेदन के लिए लॉगिन कर सकेंगे। योजना से संबंधित अधिक जानकारी के लिए इस योजना की अधिकारिक वेबसाइट पर जाकर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा राज्य के पशुपालक संबंधित जिला गव्य विकास पदाधिकारी से संपर्क कर सकते हैं।
योजना से संबंधित आवश्यक लिंक