किसानों के लिए खुशखबरी केंद्र सरकार ने तुअर दाल के लिए वेब पोर्टल लांच किया, मिलेगा दाल का अच्छा भाव

By : Tractorbird News Published on : 12-Jan-2024
किसानों

भारत सरकार ने नई दिल्ली में तुअर दाल खरीदने के पृष्ठ को शुरू किया ताकि कृषकों को उचित मूल्य पर तुअर दाल मिल सके। इस वेब पोर्टल में कृषकों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए कई भाषाएं शामिल की गई हैं। 

सरकार ने कृषकों को एक अच्छी खबर दी है। दरअसल, सरकार ने गुरुवार को तुअर दाल खरीदने के लिए एक वेब पोर्टल शुरू किया है। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने दिल्ली में दलहन की आत्मनिर्भरता पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में तुअर उत्पादक किसानों के पंजीकरण, खरीद और भुगतान के लिए एक वेब पोर्टल का उद्घाटन किया, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के "आत्मनिर्भर भारत" के दृष्टिकोण की दिशा में एक और शानदार कदम है। 

अब किसान अपनी फसल को ऑनलाइन बेचकर सीधे अपने खाते में भुगतान प्राप्त कर सकते हैं। Tur Dal Procurement Portal नामक पोर्टल बनाया गया है। सरकार की इस नवीन योजना से घरेलू दाल उत्पादन बढ़ेगा। साथ ही आयात निर्भरता भी कम होगी।

Tur Dal Procurement Portal का प्रमुख लक्ष्य क्या है ?

सरकार की इस योजना का मुख्य उद्देश्य तुअर दाल उत्पादकों को मजबूत बनाना है, उन्हें NAFED एवं NCCF द्वारा खरीदने, सुव्यवस्थित प्रक्रियाओं और सीधे बैंक हस्तांतरण के माध्यम से, जिससे घरेलू दाल उत्पादों को बढ़ावा मिलेगा। 

साथ ही, निर्भरता आयात पर बहुत कम होगी। भारत सरकार के दिशानिर्देशों के अनुसार, उपभोक्ता मामले विभाग ने नेफेड एवं एनसीसीएफ के पोर्टल पर पंजीकृत कृषकों से दालों के बफर स्टॉक की खरीद की जाएगी। 

साथ ही, कृषकों को एमएसपी या बाजार मूल्य से अधिक भुगतान किया जाएगा। पोर्टल का मुख्य लक्ष्य कृषकों से सीधे 80% बफर स्टॉक खरीदना है, जिससे आयात पर निर्भरता कम हो जाएगी। यह न केवल खाद्य उत्पादन को बचाएगा, बल्कि देश की खाद्य सुरक्षा को भी बचाएगा। 

Tur Dal Procurement Portal में कोई भी एजेंसी शामिल नहीं होगी? 

सूत्रों के अनुसार, पोर्टल पर पंजीकरण, खरीद और भुगतान करने की पूरी प्रक्रिया एक ही माध्यम से की जाएगी। किसान पोर्टल में सीधे या PACS और FPO के माध्यम से पंजीकरण कर सकते हैं। साथ ही, किसानों को भुगतान सीधे नाफेड से उनके लिंक्ड बैंक खाते में मिलेगा। 

साथ ही, इस मध्य में कोई संस्था नहीं होगी। यह पूरी प्रक्रिया किसान-केंद्रित है, इसलिए किसान पंजीकरण से लेकर भुगतान तक हर चीज का निरीक्षण कर सकते हैं।



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