जाने कौन से बीज पर दे रही है हरियाणा सरकार 75% सब्सिडी

By : Tractorbird News Published on : 03-Apr-2023
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भारत देश के अंदर अलग - अलग तरीके की खेती की जाती है जैसे की सब्जियां, दालें और अन्य कई चीज़ें।  आज हम इस आर्टिकल में एक ऐसी ही दाल के बारे में आपसे बात करने वाले हैं जिस पर आपको हरियाणा सरकार 75 प्रतिशत की सब्सिडी प्रदान कर रही है। 

अभी अगर देखा जाये तो किसान गेहूं की फसल को काटने की तैयारी कर रहे हैं और धान की फसल की रोपाई करने के लिए अभी 2 महीने का वक्त है। इन दो महीनों में किसान एक ऐसी दाल की खेती कर सकते हैं जिससे की उन्हें बहुत लाभ हो सकता है।  

  • आज हम बात करेंगे मूंग की खेती की जिस पर हरयाणा सरकार किसानों को 75 प्रतिशत की सब्सिडी दे रही है। मूंग की खेती करने पर ज्यादा लागत नहीं लगती है जिससे की किसान उन्हें कम समय में कर सकते हैं और अच्छा मुनाफा भी कमा सकते हैं। मूंग की खेती करने से किसानों को पोषक तत्वों के साथ अच्छी आमदनी भी मिलती है। 
  • अगर किसान मूंग की खेती करता है तो एक एकड़ में 40 हजार की मूंग ऊगा सकता है। जो भी मूंग का पौधा बच जाता है उसे उसी खेत में मिला दिया जायेगा जिसे हम ग्रीन कम्पोस्ट कहते हैं। उसके बाद किसान जो भी नयी फसल लगाते हैं उन्हें उस खेत में कम फ़र्टिलाइज़र लगाना पड़ता हैं क्योंकि पहले से ही उसमें ग्रीन कम्पोस्ट होता है।  
  • ऐसे में किसान और ज्यादा आमदनी कमा पाता है क्योंकि मूंग की खाद से फसल के अंदर पोषक तत्त्व, और नुट्रिशन काफी मात्रा में हो जाते हैं और मूंग की खाद दूसरी फसलों का उत्पादन भी बहुत अच्छी मात्रा में करती है। जिसके कारण खेत की मिट्टी में काफी सुधार हो जाता है। 

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कैसे मिलेगी सब्सिडी?

मूंग की खेती का एरिया बढ़ाने के लिए कृषि अधिकारी डॉक्टर करमचंद ने बताया कि विभाग ने किसानों को  75 प्रतिशत का अनुदान प्रदान करने की घोसना की है। करमचंद ने आगे बताते हुए कहा कि 6 हज़ार एकड़ छेत्र में बिजाई करने के लिए 600 क्विंटल मूंग के बीज को बांटा जायेगा। किसान मूंग के बीज को हरियाणा बीज विभाग के बिक्री केंद्रों से खरीद सकते हैं। 

जब भी किसान मूंग का बीज लेने जायेंगे तो उन्हें केंद्र को 25 प्रतिशत राशि देनी पड़ेगी। मूंग का बीज लेने के लिए किसानों को कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की वेबसाइट पर जाकर लॉगिन करना होगा और पंजीकरण करवाना पड़ेगा।  

पंजीकरण करवाने के लिए कितना समय लगेगा?

कृषि अधिकारी करमचंद ने बताया की 10 अप्रैल तक ये सब्सिडी योजना जारी रहेगी उसके बाद विभाग कमिटी इनका सत्यापन करेगी कि क्या सच में किसान ने मूंग के बीज को खेत में लगाया है। उन्होंने बताया की निरक्षण के दौरान अगर किसान के खेत में उन्हें मूंग के बीज की बुवाई नहीं मिली तो उस किसान को 75 प्रतिशत राशि जमा करनी पड़ेगी

अगर वह किसान ऐसा नहीं करता है तो उसे मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर जाकर खुद को पंजीकृत करवाना पड़ेगा। किसान उसके बाद एक साल तक किसी भी कृषि से सम्भंदित स्कीम का फायदा नहीं उठा पायेगा इस स्कीम की देख रेख की प्रक्रिया जिला उपयुक्ता के द्वारा की जाएगी। 

कैसे करें बीज के लिए अप्लाई?

करमचंद जी ने बताया कि किसानों को मूंग की एम् एच 421 वैराइटी उपलब्ध कराई जाएगी। एम् एच 421 एक ऐसी किस्म है जो की 60 दिन में पक जाती है। इसके पीले पत्ते होते हैं और इसका दाना आकर्षक चमकीला हरा, और बीचके आकार का होता है। इसके उत्पादन की हम बात करें तो 3 से 4 क्विंटल प्रति एकड़ है। क्रृषि अधिकारी ने बताया कि एक किसान को तीन एकड़ जमीन के लिए बीज प्राप्त होगा। 

हरियाणा बीज विकास निगम ने बताया कि जो भी किसान इस स्कीम का लाभ लेना चाहते हैं उन्हें बिक्री केंद्र पर आकर अपना वोटर कार्ड, आधार कार्ड, या किसान कार्ड इनमें से कोई भी केंद्र पर दिखाना होगा। उन्होंने किसानों से कहा कि जो भी इस स्कीम का फायदा प्राप्त करना चाहते हैं वो जल्दी से जल्दी विभाग की वेबसाइट पर पंजीकरण करवाएं।  

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मूंग खाद का अन्य फसलों में उपयोग 

कृषि अधिकारी ने बताया कि अगर कोई किसान मूंग की फसल से मूंग नहीं चाहता है और इस मूंग की खाद को किसी और फसल के लिए उपयोग करना चाहता है तो वो किसान आधा कट्टा यूरिया का मूंग के खेत में डाल सकता है उससे फसल अच्छी होगी।  

इसको दूसरी फसलों के लिए खाद के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है और अगर किसान मूंग की खेती करते हैं तो मूंग की फली तोड़ने के बाद उस पौधे को उस मिट्टी में ही मिला दें इससे जो भी अन्य फसल होगी वो अच्छी होगी और इससे मिट्टी की उपजाऊ शक्ति भी बढ़ जाएगी।

आज हमने TractorBird के इस आर्टिकल में आपको बताया कि कैसे आप हरियाणा कृषि विभाग निगम केंद्र से मूंग खाद पर सब्सिडी ले सकते हैं। अगर आप ट्रेक्टर और इम्प्लीमेंट्स से जुडी कोई भी जानकारी हांसिल करना चाहते हैं तो आप हमारी वेबसाइट TractorBird को फॉलो कर सकते हैं। ट्रेक्टर से जुड़े ऐसे ही और आर्टिकल्स पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट TractorBird के साथ बने रहे।

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