मोदी सरकार का बड़ा फैसला - दुनिया की सबसे बड़ी अनाज भंडारण योजना को मंजूरी, देश के हर ब्लॉक में बनेगा गोदाम

By : Tractorbird News Published on : 01-Jun-2023
मोदी

केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने 31 मई 2023 को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्‍यक्षता में कृषि और किसान कल्‍याण मंत्रालय, उपभोक्‍ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय तथा खाद्य प्रसंस्‍करण उद्योग मंत्रालय की विभिन्‍न योजनाओं के मेल से ”सहकारिता के क्षेत्र में विश्‍व की सबसे बड़ी अन्‍न भंडारण योजना“ के लिए एक अंतर-मंत्रालयीय समिति (आईएमसी) के गठन और सशक्‍तिकरण को मंज़ूरी प्रदान की।

सहकारिता मंत्रालय देश भर के विभिन्न राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के कम से कम 10 चुने हुए जिलों में एक पायलट परियोजना को लागू करेगा ताकि योजना को समान रूप से और पेशेवर तरीके से समय पर लागू किया जा सके। योजना के देशव्यापी कार्यान्वयन के लिए पायलट से मिली सीख को उचित रूप से शामिल किया जाएगा। पायलट परियोजना विविध क्षेत्रीय आवश्यकताओं में महत्वपूर्ण अंतर्दृष्टि प्रदान करेगा।

कार्यान्वयन

अंतर-मंत्रालयीय समिति (IMC) का गठन सहकारिता मंत्री की अध्यक्षता में किया जाएगा, जिसमें कृषि और किसान कल्याण मंत्री, उपभोक्‍ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री, खाद्य प्रसंस्‍करण उद्योग मंत्री और संबंधित मंत्रालयों के सचिव, सदस्‍य के रूप में शामिल होंगे। कृषि और कृषि क्रेडिट समितियों (PACS) में मंज़ूर व्यय और निर्धारित लक्ष्यों के भीतर कृषि संबंधित उद्देश्यों के लिए गोदामों आदि का निर्माण किया जाएगा। 

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इस योजना को कार्यान्वित करने के लिए संबंधित मंत्रालयों की चिह्नित योजनाओं के तहत उपलब्ध कराए गए परिव्यय का उपयोग किया जाएगा। इस योजना में कन्वर्जेंस की निम्नलिखित योजनाएं शामिल हैं:

(क) कृषि और किसान कल्‍याण मंत्रालय

  • कृषि अवसंरचना कोष (AIF),
  • कृषि विपणन अवसंरचना योजना (AMI),
  • एकीकृत बागवानी विकास मिशन (MIDH),
  • कृषि यांत्रिकीकरण पर उपमिशन (SMAM)

(ख) खाद्य प्रसंस्‍करण उद्योग मंत्रालय

  • प्रधानमंत्री सूक्ष्‍म खाद्य उद्यम उन्‍नयन योजना (PMFME),
  • प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना (PMKSY)

(ग) उपभोक्‍ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय

  • राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत खाद्यान्‍नों का आवंटन,
  • न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य पर खरीद

इस योजना के अनुमानित लाभ क्या होंगे?

मौजूदा योजना बहुआयामी है: यह प्राथमिक कृषि साख समितियों के स्तर पर गोदामों के निर्माण द्वारा देश में भंडारण संरचना की कमियों को दूर करेगा और प्राथमिक कृषि साख समितियों को कई अन्य कार्यों में भी सक्षम बनाएगा जैसे की -

  • इस योजना के अंतर्गत राज्‍य एजेंसियों/भारतीय खाद्य निगम (FCI) के लिए प्रोक्योरमेंट सेंटर्स के रूप में कार्य करेंगा
  • योजना के अंतर्गत उचित दर दुकानों (FPS) के रूप में सेवा प्रदान की जाएगी। 
  • इस योजना के तहत कस्‍टम हायरिंग सेंटर्स स्‍थापित किए जाएंगे। 
  • योजना का एक उद्देश्य कॉमन प्रसंस्‍करण इकाइयां स्‍थापित करना भी है, जिसमें कृषि उपजों की जांच, छंटाई, ग्रेडिंग इकाई, आदि शामिल हैं। 

इसके अलावा, स्‍थानीय स्‍तर पर विकेंद्रीकृत भंडारण क्षमता बनने से खाद्यान्‍न की बर्बादी कम होगी और देश में खाद्य सुरक्षा मजबूत होगी।

किसानों को विभिन्‍न विकल्‍प प्रदान करके फसलों की बहुत कम मूल्य पर आकस्मिक बिक्री रुकेगी और किसानों को अपनी उपज का बेहतर मूल्‍य प्राप्‍त हो सकेगा।

इससे खरीद केन्द्रों तक और फिर वेयरहाउस से उचित दर दुकानों तक खाद्यान्‍नों के परिवहन में होने वाले व्‍यय में भारी कमी आएगी।

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Whole of Government’ अप्रोच से यह योजना कृषि साख समितियों को उनकी व्‍यावसायिक गतिविधियों को विविधतापूर्ण बनाकर उन्‍हें सशक्‍त करेगी जिसके परिणामस्वरूप किसानों की आय में भी वृद्धि होगी।

इस योजना की समय-सीमा और कार्यान्‍वयन पद्धति निम्नलिखित है

  • मंत्रिमंडलयीय मंज़ूरी के एक सप्‍ताह के भीतर राष्‍ट्रीय स्‍तर की समन्‍वय समिति का गठन किया जाएगा।
  • मंत्रिमंडलयीय मंज़ूरी के 15 दिनों के भीतर कार्यान्‍वयन दिशानिर्देश जारी कर दिए जाएंगे।
  • मंत्रिमंडलयीय मंज़ूरी के 45 दिनों के भीतर कृषि साख समितियों को भारत सरकार और राज्‍य सरकारों के साथ लिंक करने के लिए एक पोर्टल शुरू किया जाएगा।
  • मंत्रिमंडलयीय मंज़ूरी के 45 दिनों के भीतर प्रस्‍ताव का कार्यान्‍वयन शुरू हो जाएगा।

पृष्‍ठभूमि

भारतीय प्रधान मंत्री ने कहा है कि "सहकार-से-समृद्धि" लक्ष्य को साकार करने के लिए, सहकारी समितियों की ताकत को समृद्ध और संपन्न वाणिज्यिक संगठनों में बदलने के लिए सभी संभव प्रयास किए जाने चाहिए। इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए सहकारिता मंत्रालय द्वारा 'सहकारिता क्षेत्र में विश्व की सबसे बड़ी अनाज भंडारण योजना' जारी की गई है। 

योजना कृषि साख समितियों के स्तर पर विभिन्न प्रकार के कृषि-बुनियादी ढांचे की स्थापना की मांग करती है, जिसमें गोदाम, कस्टम हायरिंग सेंटर, प्रसंस्करण इकाइयां आदि शामिल हैं। भंडारण क्षमता में वृद्धि और भोजन की बर्बादी को कम करके, कृषि साख समितियों के स्तर पर बुनियादी ढांचे के विकास और आधुनिकीकरण से देश की खाद्य सुरक्षा भी बढ़ेगी और किसानों को उनकी फसल के लिए उच्च मूल्य प्राप्त करने में सक्षम बनाया जा सकेगा।

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देश में मौजूद दस लाख से अधिक प्राथमिक कृषि साख समितियों (PACS) के 13 करोड़ से अधिक किसान सदस्य हैं। कृषि साख समितियों के स्तर पर अन्य कृषि बुनियादी ढांचे के साथ विकेंद्रीकृत भंडारण क्षमता स्थापित करने के लिए यह पहल की गई है। 

यह न केवल राष्ट्र की खाद्य सुरक्षा को मजबूत करेगा, बल्कि भारतीय अर्थव्यवस्था के कृषि और ग्रामीण परिदृश्य को बदलने में जमीनी स्तर पर कृषि साख समितियों द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका के कारण कृषि साख समितियों को खुद को संपन्न आर्थिक संस्थाओं में बदलने की अनुमति देगा।

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