मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना के अंतर्गत आप भी पेड़ लगाकर कमा सकते है अच्छा मुनाफा

By : Tractorbird News Published on : 18-Jan-2023
मुख्यमंत्री

देश-दुनिया में लकड़ी की मांग बढ़ रही है। फर्नीचर, प्लाईवुड से लेकर पानी के जहाज और ना जाने कितनी जरूरतों के लिए लकड़ी का इस्तेमाल हो रहा है। यही वजह है की अब पेड़ो की भी नगदी फसल के रूप में खेती की जाने लगी है। पेड़ों की खेती को अब फिक्स डिपोजिट की तरह देखा जा रहा है।

पेड़ो की खेती में एक बार कुछ पैसा लगा कर कई साल तक मुनाफा कमाया जा सकता है। ये पूरी तरह से निर्भर करता है कि आप किस वैरायटी की लकड़ी उगा रहे है। इंटरनेशनल मार्केट में चंदन की मांग काफी ज्यादा है, लेकिन इन दिनों सागवान भी खूब डिमांड में है।

सागवान की लकड़ी की जानकारी

किसान भाइयों आपको बता दे की सागवान की लकड़ी को अव्वल दर्जे की लकड़ी माना जाता है। इन दिनों ऑफिस के फर्नीचर में इसका बहुतायत से इस्तेमाल हो रहा है इसकी लकड़ी का प्रयोग बहुत सारी चीजों को बनाने के लिए किया जाता है क्योंकि इसकी लकड़ी मजबूत बहुत होती है। अच्छी बात यह है कि अब सरकार भी आपको सागवान की खेती करने के लिए अनुदान देती है। छत्तीसगढ़ की सरकार किसानों को सागवान की खेती करने के लिए 100% तक सब्सिडी दे रही है। 

छत्तीसगढ़ सरकार ने मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना चलाई है। जिसके तहत टिशु कल्चर सागवान, टिश्यु कल्चर बांस, मिलिया डुबिया (मालाबार नीम), चंदन, क्लोनल नीलगिरी और दूसरी नकदी किस्मों के पौधे लगाने की योजना है।

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मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना के लाभ एवं विशेषताएं

  • राज्य के नागरिकों को अपनी निजी भूमि पर व्यवसायिक वृक्षारोपण करने के लिए एवं प्रोत्साहित करने के लिए मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना को शुरू किया गया है।
  • इस योजना के माध्यम से राज्य के निवासियों को लकड़ी का उपयोग करने के लिए सरकार द्वारा प्रेरित किया जाएगा। जिससे किसानों को पेड़ों से ही आय प्राप्त हो सकेगी।
  • Mukhymantri Vriksh Sampada Yojana के माध्यम से लकड़ी से संबंधित उद्योगों को बढ़ावा दिया जाएगा।
  • किसानों द्वारा इस योजना के तहत निजी भूमि पर पौधों के रोपण के लिए सरकार द्वारा किसानों को 50% सब्सिडी दी जाएगी।
  • छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा किसानों को 3 वर्ष तक प्रति एकड़ 10,000 रुपए की धनराशि इस योजना के तहत बोनस के रूप में दी जाएगी।
  • योजना के सफलतापूर्वक कार्यान्वयन के लिए फिलहाल सरकार द्वारा 100 करोड़ रुपए के बजट का प्रावधान किया गया है।
  • Mukhymantri Vriksh Sampada Yojana के तहत राज्य सरकार द्वारा 5 साल के भीतर 2 लाख एकड़ निजी भूमि पर इमारती व औषधीय वृक्ष तैयार करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
  • अब भूमि स्वामी अपनी भूमि पर कृषि के रूप में रोपित पेड़ों की कटाई को खुद करवा सकेंगे। जिसके लिए उन्हें किसी की भी अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी।
  • इस योजना के माध्यम से राज्य में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। किसानों की आमदनी में वृद्धि हो सकेगी।
  • मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना के तहत पेड़ तैयार होने पर पेड़ों की लकड़ी, छाल आदि बिकवाने का कार्य सरकार का होगा।
  • इस योजना के लागू हो जाने से न सिर्फ पेड़ पौधे, हरियाली में समृद्धि होगी बल्कि राज्य के निवासियों को भी अजीविका का साधन मिलेगा।

Mukhyamantri Vriksh Sampada Yojana के लिए पात्रता

  • मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना के लिए छत्तीसगढ़ के मूलनिवासी पात्र होंगे।
  • इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए सभी वर्ग के नागरिक पात्र होंगे।
  • आवेदक की आयु 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए।

मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना के लिए आवश्यक दस्तावेज

  • आधार कार्ड
  • स्थाई प्रमाण पत्र
  • आय प्रमाण पत्र
  • बैंक खाता विवरण
  • जमीनी दस्तावेज
  • पासपोर्ट साइज फोटो
  • मोबाइल नंबर

Mukhyamantri Vriksh Sampada Yojana के लिए आवेदन कैसे करें?

  • मुख्यमंत्री व संपदा योजना के तहत आवेदन करने के लिए सबसे पहले आपको अपने नजदीकी वन विभाग कार्यालय में जाना होगा।
  • वहां जाकर आपको संबंधित अधिकारी से आवेदन फॉर्म प्राप्त करना होगा।
  • आवेदन फॉर्म प्राप्त करने के बाद आपको फॉर्म में पूछी गई सभी आवश्यक जानकारी को ध्यान पूर्वक दर्ज करना होगा।
  • सभी जानकारी दर्ज करने के बाद आपसे मांगे गए आवश्यक दस्तावेजों को फॉर्म के साथ संलग्न करना होगा। 
  • सारी प्रक्रिया पूर्ण करने के बाद आपको यह आवेदन फॉर्म वापस वहीं जमा कर देना होगा जहां से आप ने प्राप्त किया था।
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इस योजना में पेड़ो की लकड़ियों की बिक्री किस आधार पर होगी?

इस योजना में सहयोगी संस्था अथवा निजी कंपनियों की सहभागिता का प्रस्ताव है। उनके द्वारा वित्तीय सहभागिता के साथ शासन द्वारा निर्धारित समर्थन मूल्य पर हितग्राहियों के वृक्षों की वापस खरीद का प्रस्ताव भी दिया गया है।

सहयोगी संस्था अथवा निजी कंपनियों की सहभागिता से कृषकों को उनके उत्पाद के लिये सुनिश्चित बाज़ार उपलब्ध होगा तथा शासन पर वित्तीय भार भी कम होगा। टिशू कल्चर सागौन, टिशू कल्चर बांस एवं मिलिया डूबिया वृक्षों के परिपक्व होने के पश्चात् निर्धारित समर्थन मूल्य पर शासन द्वारा क्रय किया जाएगा।

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