खाद्य पदार्थों की कीमतों में बंपर उछाल आया है। विशेष कर चावल की कीमत अपने 14 वर्ष के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच चुकी है। इससे आम जनता का बजट डगमगा गया है।
बरसात के आगमन के साथ ही भारत में खाने- पीने की वस्तुएं महंगी हो गई हैं। बतादें, कि गेहूं, दाल, चावल और हरी सब्जियों की कीमत में आग लग गई है। 20 से 30 रुपये किलो मिलने वाला टमाटर जुलाई आते-आते में 250 रुपये किलो के पार पहुंच गया है। इसी प्रकार हरी सब्जियां भी कई गुना ज्यादा महंगी हो गईं।
यही कारण है, कि जुलाई में खुदरा महंगाई दर में इजाफा होकर 7.44 प्रतिशत पर पहुंच गई, जो कि जून में मानसून आगमन से पूर्व 4.81 प्रतिशत दर्ज की गई थी। मुख्य बात यह है, कि गेहूं के साथ-साथ चावल भी काफी महंगा हो गया है। हालांकि, केंद्र सरकार महंगाई पर नियंत्रण पाने के लिए बहुत प्रयास कर रही है। इसके उपरांत भी महंगाई कम होने का नाम तक नहीं ले रही है।
टमाटर अब 60 से 70 रूपए के बीच बिक रहा है
बरसात की दस्तक के साथ ही सबसे पहले टमाटर के भाव में 363.8 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। भारत के विभिन्न शहरों में टमाटर 350 रुपये किलो पहुंच गया था। हालांकि, केंद्र सरकार द्वारा टमाटर की कीमतों को काबू करने के लिए स्वयं ही टमाटर बेचना शुरू कर दिया। पहले सरकार ने 90 रुपये किलो टमाटर विक्रय करना आरंभ किया था।
इसके पश्चात 80 रुपये किलो और फिर 70 रुपये किलो बेचने लगी। वर्तमान में केंद्र सरकार 40 रुपये किलो टमाटर विक्रय कर रही है। हालाांकि, सरकार के इस कदम से टमाटर की कीमतों में काफी गिरावट दर्ज की गई है। फिलहाल, खुदरा बाजार में टमाटर 60 से 80 रुपये किलो हो गया है।
इस प्रकार गेहूं के भाव में भी 2.2 प्रतिशत का इजाफा दर्ज किया गया है। इससे आटे के भाव पर प्रभाव पड़ा है, जिसकी वजह से खाने-पीने की चीजें काफी महंगी हो गई हैं। परंतु, केंद्र सरकार ने गेहूं के बढ़ते भावों पर लगाम लगाने के उद्देश्य से रूस से गेहूं खरीदने पर विचार कर रही है।
बताया जा रहा है, कि सरकार रूस से 80 से 90 लाख टन गेहूं का निर्यात कर सकती है। सरकार को आशा है, कि इससे गेहूं की बढ़ती कीमतों पर विराम लगेगा।
बतादें, कि इसी प्रकार केंद्र सरकार ने महंगाई पर नियंत्रण पाने के लिए गैर बासमती चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया। हालांकि, सरकार के इस निर्णय के पश्चात भी कीमतों में अब तक गिरावट नहीं आई है। इसी प्रकार अब टमाटर के उपरांत प्याज भी काफी महंगा हो गया है।
बहुत सारे शहरों में यह 35 से 40 रुपये किलो के भाव पर बिक रहा है, जबकि कुछ दिन पूर्व तक इसका 20 रुपये किलो ही था। बताया जा रहा है, कि सितंबर से प्याज 70 से 80 रुपये किलो हो जाएगा।
आपकी जानकारी के लिए बतादें, कि इस बार सरकार पहले ही सावधान हो गई है। सरकार द्वारा प्याज के निर्यात पर 40 फीसद इंपोर्ट ड्यूटी लगा दी है। साथ ही, बफर स्टॉक से 3 लाख टन प्याज जारी करने का निर्देश दिया है। इसके अतिरिक्त वह भारत के विभिन्न शहरों में स्वयं 25 रुपये किलो की दर से प्याज बेच रही है।
साथ ही, महंगाई को काबू करने के लिए सरकार ने गैर-बासमती चावल के निर्यात पर बैन लगा दिया है। इसके अलावा चीनी के निर्यात पर भी प्रतिबंध लगा हुआ है। साथ ही, केंद्र ने दाल एवं तिलहनों के आयात की अनुमति दे दी है। ऐसी स्थिति में सरकार को आशा है, कि अगले माह से खाद्य पदार्थों की कीमतों में गिरावट आ सकती है।