हरियाणा में पाई जाने वाली इस भैंस को बोलते है दूध की मशीन
By : Tractorbird News Published on : 28-Oct-2024
मुर्रा भैंस को "दूध की मशीन" के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि यह एक अत्यधिक दूध देने वाली नस्ल है।
इसके चलते देशभर के पशुपालक इस नस्ल का पालन करते हैं, जिससे उन्हें अच्छा लाभ होता है। यह भैंस मुख्य रूप से हरियाणा और पंजाब में पाई जाती है और इसकी कीमत भी अधिक होती है।
भारत में पशुपालन का इतिहास
- भारत में कृषि और पशुपालन का लंबा इतिहास है। किसान पशुपालन और खेती से अपनी आय बढ़ा सकते हैं, इसी कारण नई नस्ल की गायों और भैंसों को पालना आजकल आम है, जिससे दूध उत्पादन के माध्यम से अच्छी कमाई होती है।
- ये नस्लें डेयरी व्यवसाय के लिए बहुत फायदेमंद मानी जाती हैं, और भैंस का गाढ़ा दूध गाय के दूध से अधिक पसंद किया जाता है। इसलिए, अधिकांश डेयरी व्यवसायी भैंस पालन को प्राथमिकता देते हैं।
मुर्रा नस्ल का पालन
- मुर्रा भैंस को विशेष रूप से हरियाणा और पंजाब में पाला जाता है, और यह भिवानी, हिसार, रोहतक, जिंद, झज्जर, फतेहाबाद और गुड़गांव जैसे स्थानों में व्यापक रूप से पाई जाती है।
- दिल्ली और इसके आस-पास के क्षेत्रों में भी यह नस्ल लोकप्रिय है।
- यह नस्ल अन्य देशों, जैसे इटली, बुल्गारिया, मिस्र, आदि में भी दूध उत्पादन में सुधार के लिए प्रसिद्ध है।
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अधिक दूध देने वाली महंगी नस्ल
- मुर्रा भैंस की कीमत 50,000 से लेकर 5 लाख रुपये तक हो सकती है। इसका कारण इसकी उच्च दूध उत्पादन क्षमता है।
- गर्भावधि लगभग 310 दिनों की होती है, और यह प्रतिदिन 20 से 30 लीटर तक दूध दे सकती है।
मुर्रा नस्ल की पहचान और विशेषताएं
- यह दुनिया की सबसे अच्छी दुधारू नस्ल मानी जाती है। भारत के सभी क्षेत्रों में पाई जाने वाली इस नस्ल का पालन मुख्यतः दिल्ली, पंजाब और हरियाणा में होता है।
- इस नस्ल की भैंस के सींग जलेबी की तरह घुमावदार होते हैं और इसका रंग काला होता है।
- इसका सिर छोटा, पूंछ लंबी, और पिछले हिस्से का विकास बेहतर होता है।