पशु सामान्यत ब्याने के 4 से 5 घंटे के भीतर जेर को स्वयं बाहर निकाल देते हैं। हालांकि, कभी-कभी ऐसा होता है कि ब्याने के बाद कई घंटे तक जेर बाहर नहीं आता , जिससे गर्भाशय में कई समस्याएं हो सकती हैं।
यह स्थिति पशु के उत्पादन पर नकारात्मक प्रभाव डालती है। अगर ब्याने के 8 से 12 घंटे बाद भी जेर स्वाभाविक रूप से बाहर नहीं आता, तो इसे "जेर रुकने" की समस्या माना जाता है।
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1. गर्भाशय में हाथ डालकर जेर की स्थिति जांचें और सावधानीपूर्वक निकालें।
2. बांस की पत्तियां, धान की भूसी, मूंग या दलिया का मिश्रण दें।
3. आयुर्वेदिक दवाएं जैसे युटेरोटोन का उपयोग करें।
4. जेर बाहर लटक रही हो तो वजनदार वस्तु जैसे ईंट बांधें।
5. जेर बाहर निकलने के बाद पोटेशियम परमैंगनेट घोल से सफाई करवाएं।
6. कैल्शियम और फॉस्फोरस की खुराक दें।
7. गर्भाशय में सूजन हो तो पशु चिकित्सक से सलाह लें।
1. बिना जेर निकले भी दूध निकाल सकते हैं।
2. ब्याने के बाद आधे घंटे के भीतर बच्चे को मां का दूध पिलाएं।
3. बच्चे को पहला दूध (खीस) जरूर दें।
4. अत्यधिक दूध देने वाले पशुओं का पूरा दूध न निकालें।
5. खीस बच्चे का पेट साफ करता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है।
6. इन उपायों से 90% तक जेर रुकने की समस्या रोकी जा सकती है।