पशुओं में ब्याने के बाद जेर रूकने के कारण और समाधान के उपाय

By : Tractorbird News Published on : 09-Jan-2025
पशुओं

पशु सामान्यत ब्याने के 4 से 5 घंटे के भीतर जेर को स्वयं बाहर निकाल देते हैं। हालांकि, कभी-कभी ऐसा होता है कि ब्याने के बाद कई घंटे तक जेर बाहर नहीं आता , जिससे गर्भाशय में कई समस्याएं हो सकती हैं। 

यह स्थिति पशु के उत्पादन पर नकारात्मक प्रभाव डालती है। अगर ब्याने के 8 से 12 घंटे बाद भी जेर स्वाभाविक रूप से बाहर नहीं आता, तो इसे "जेर रुकने" की समस्या माना जाता है।

जेर रुकने के कारण

  • 1. भ्रूण और मां के बीच जुड़ी संरचनाओं में ढीलेपन की प्रक्रिया का सही तरीके से न होना।
  • 2. गर्भपात, कठिन प्रसव, या जुड़वां बच्चे होने की स्थिति।
  • 3. खनिज की कमी, जैसे कैल्शियम की कमी (हाइपोकैल्सीमिया)।
  • 4. गाय की उम्र अधिक होना या अत्यधिक गर्मी।
  • 5. गर्भाशय संक्रमण (प्लेसेंटाइटिस) या पोषण संबंधी गड़बड़ियां।

जेर रुकने के लक्षण

  • 1. जेर का गर्भाशय से बाहर लटकना।
  • 2. अंदर जेर के टुकड़े महसूस होना।
  • 3. दर्द के कारण पशु बार-बार पेट पर पैर मारता है।
  • 4. बुखार और दूध की मात्रा कम होना।
  • 5. दुर्गंध और समय बीतने पर मवाद निकलना।
  • 6. पशु का बेचैन और सुस्त होना।
  • 7. बार-बार बैठने और उठने की आदत।
  • 8. आसपास रुचि न लेना।

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प्राथमिक उपाय

1. गर्भाशय में हाथ डालकर जेर की स्थिति जांचें और सावधानीपूर्वक निकालें।

2. बांस की पत्तियां, धान की भूसी, मूंग या दलिया का मिश्रण दें।

3. आयुर्वेदिक दवाएं जैसे युटेरोटोन का उपयोग करें। 

4. जेर बाहर लटक रही हो तो वजनदार वस्तु जैसे ईंट बांधें।

5. जेर बाहर निकलने के बाद पोटेशियम परमैंगनेट घोल से सफाई करवाएं।

6. कैल्शियम और फॉस्फोरस की खुराक दें।

7. गर्भाशय में सूजन हो तो पशु चिकित्सक से सलाह लें।

समाधान

1. बिना जेर निकले भी दूध निकाल सकते हैं।

2. ब्याने के बाद आधे घंटे के भीतर बच्चे को मां का दूध पिलाएं।

3. बच्चे को पहला दूध (खीस) जरूर दें।

4. अत्यधिक दूध देने वाले पशुओं का पूरा दूध न निकालें।

5. खीस बच्चे का पेट साफ करता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है।

6. इन उपायों से 90% तक जेर रुकने की समस्या रोकी जा सकती है।

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