लम्पी स्किन डिज़ीज़ (Lumpy Skin Disease) अब पूर्वी उत्तर प्रदेश से फैलकर तेज़ी से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी पहुंच रही है। गाजियाबाद के उप मुख्य पशुचिकित्सा अधिकारी डॉ. हरिवंश सिंह ने पशुपालकों को सतर्क करते हुए कहा कि यह बीमारी न केवल यूपी बल्कि राजस्थान, मध्य प्रदेश और अन्य पड़ोसी राज्यों के लिए भी गंभीर खतरा बन सकती है। उन्होंने चेताया कि यह रोग पशुओं के स्वास्थ्य के साथ-साथ किसानों की रोज़ी-रोटी पर भी बड़ा असर डालता है।
भारत में इसका सबसे भयंकर प्रकोप 2022 में देखा गया था, जिसने पशुपालकों को भारी नुकसान पहुँचाया। इस बीमारी का पहला मामला 1929 में अफ्रीकी देश ज़ाम्बिया में सामने आया था, जबकि भारत में 2019 में उड़ीसा में इसका पता चला।
लम्पी एक संक्रामक रोग है, जो तेज़ी से एक पशु से दूसरे में फैलता है। यह मुख्य रूप से मच्छर, मक्खी और किलनी जैसे खून चूसने वाले कीड़ों के काटने से होता है। संक्रमित पशु के संपर्क में आने या उसकी लार से दूषित चारा-पानी खाने-पीने से भी यह बीमारी फैल सकती है। शुरुआत में पशु को तेज़ बुखार आता है।
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डॉ. सिंह के अनुसार, इसका कोई निश्चित इलाज नहीं है, इसलिए बचाव ही सबसे असरदार तरीका है-
पशु की ताक़त बढ़ाने के लिए यह मिश्रण उपयोगी है:
10 पान के पत्ते, 10 ग्राम काली मिर्च, 10 ग्राम हल्दी, नमक, 10 तुलसी पत्ते, 10 तेजपत्ते, एक-एक मुट्ठी नीम और बेलपत्र पीसकर पेस्ट बनाएं।
इसमें थोड़ा गुड़ मिलाकर दिन में तीन बार पशु को खिलाएं।
यह मिश्रण बीमार पशु को जल्दी ठीक होने में मदद करता है और स्वस्थ पशुओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ाता है।
डॉ. हरिवंश सिंह ने अंत में कहा कि पशुपालक सतर्क रहें, जानकारी साझा करें और किसी भी लक्षण पर तुरंत कदम उठाएं। समय पर कार्रवाई करके ही इस महामारी से होने वाले बड़े नुकसान को रोका जा सकता है।