मशरूम कितने प्रकार के होते हैं ? मशरूम खाने के फ़ायदे
By : Tractorbird News Published on : 08-Nov-2024
मशरूम (mushroom) का उपयोग भोजन और ओषधि दोनों रूप में किया जाता है। मशरूम पोषण से भरपूर होता है इसमें कई पोषक तत्व भी पाए जाते हैं।
इसमें प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और थोड़ी मात्रा में वसा भी होती है साथ ही इसमें लिनोलिक अम्ल व वसायुक्त अम्ल होते हैं।
ये स्वस्थ ह्दय और ह्दय संबंधी बीमारी के लिए लाभकारी होते हैं।
भारत में कई प्रकार के मशरूम का उत्पादन किया जाता है। इस लेख में हम आपको मशरूम के प्रकारों और इसके फायदों के बारे में जानकारी देंगे।
भारत में मशरूम के प्रकार (mushroom types in india)
- वैसे तो मशरूम की कई प्रजातिया होती हैं। भारत में खाद्य मशरूम की प्रमुख दो प्रजातियां
- वाईट बटन मशरूम और ऑयस्टर मशरूम का उत्पादन होता है।
- इनके अलावा चैंटरेल (गिरोल) मशरूम, क्रेमिनी (इटैलियन ब्राउन) मशरूम, शिटेक (वन और ओक) मशरूम भी खाद्य मशरूम के रूप में उपयोग किए जाते हैं।
वाईट बटन मशरूम (button mushroom)
- इस मशरूम का उत्पादन व्यापक रूप से किया जाता है।
- वाईट बटन मशरूम आमतौर पर दिखने में सफेद क्रीम रंग या हल्के भूरे रंग के होते हैं साथ ही मशरूमों का आकार छोटे, और उनकी टोपी छोटी होती है।
- वाईट बटन मशरूम चिकने होते हैं और उनमें नरम बनावट और हल्का स्वाद होता है।
- वाईट बटन मशरूम को पुआल, खाद और पशु खाद जैसी सामग्रियों में रखकर खेती की जाती है। ये पदार्थ सब्सट्रेट के रूप में कार्य करते हैं।
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ऑयस्टर मशरूम (oyster mushroom)
- ऑयस्टर मशरूम प्लुरोटस जेनेरा से तालुकात रखता है। ये भारत में मशरूम की एक महत्वपूर्ण किस्म है।
- इनमें मखमली बनावट के साथ पंखे के आकार की संरचना होती है और खाना पकाने के दौरान एक नाजुक सुगंध पैदा होती है।
- ऑयस्टर मशरूम आमतौर पर विभिन्न रंगों जैसे ग्रे, सफेद, भूरा, गुलाबी और पीले रंग के होते हैं
- इसे भारत में सबसे अच्छे मशरूम में से एक माना जाता है। मशरूम की ये किस्म पैन में तलने और ग्रिल करने के लिए भी उपयुक्त है।
शिटाके मशरूम (shiitake mushroom)
- शिटाके मशरूम भारत में एक महत्वपूर्ण विदेशी किस्म है।
- शिटाके मशरूम, अब चर्चा की गई अन्य प्रकार के मशरूम से अलग है, पूरे एशिया में बहुत लोकप्रिय है।
- ये जापानी और चीनी खाने में आम हैं। हालाँकि, ये पूर्वी एशियाई मूल निवासी भारत में मशरूम की सबसे लोकप्रिय किस्मों में से एक बन गए हैं।
क्रेमिनी (इटैलियन ब्राउन) मशरूम
- प्राकृतिक रूप से, क्रेमिनी मशरूम की टोपी हल्के भूरे से गहरे भूरे रंग की होती है। पोर्टोबेलो मशरूम का छोटा रूप है, इसलिए इन्हें कभी-कभी "बेबी बेला" भी कहा जाता है।
- क्रेमिनी मशरूम, सफ़ेद बटन मशरूम और पोर्टोबेलोस मशरूम को कभी-कभी एक दूसरे के लिए प्रतिस्थापित किया जा सकता है।
मशरूम खाने के फ़ायदे (mushroom benefits)
- मशरूम में कई प्रकार के एंटीऑक्सीडेंट और फ़ाइटोकेमिकल्स पाए जाते हैं जिससे की ये
- एंटीबैक्टीरियल और एंटीफ़ंगल औषधी के रूप में भी इस्तेमाल किए जाते हैं।
- मशरूम में उचित मात्रा में फाइबर भी होता है जिससे पाचन में मदद और पेट से संबंधी बीमारियों से बचाव होता है।
- मशरूम का उपयोग ब्लड शुगर को नियंत्रित करने के लिए भी किया जाता है इसमें इंसुलिन-लाइक प्रॉपर्टीज़ मौजूद होती है।
- मशरूम को सूप में, सब्ज़ी में, स्नैक्स में या उबालकर खाया जा सकता है।