केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 1 सितंबर को दिल्ली में आयोजित उच्चस्तरीय बैठक में किसानों से कॉल सेंटर और विभिन्न पोर्टल्स के माध्यम से मिलने वाली शिकायतों और सुझावों की समीक्षा की।
बैठक के दौरान कृषि मंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए कि किसानों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए अब अलग-अलग पोर्टलों की बजाय एक ही समर्पित एकीकृत पोर्टल विकसित किया जाए, जहाँ किसान अपनी शिकायतें, सुझाव और अन्य सहायता से जुड़ी मांग दर्ज कर सकें।
इस पोर्टल के माध्यम से किसानों की समस्याओं का समाधान तेजी से और प्रभावी तरीके से हो सकेगा। मंत्री ने कहा कि वे स्वयं समय-समय पर इस पोर्टल के माध्यम से मिलने वाली शिकायतों की समीक्षा करेंगे, ताकि किसानों को तुरंत राहत प्रदान की जा सके और उनके भरोसे को मजबूत बनाया जा सके।
शिवराज सिंह चौहान ने बैठक में जोर देकर कहा कि किसानों की शिकायतों का निपटारा रियल टाइम आधार पर होना चाहिए और इसमें किसी भी प्रकार की देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि किसानों की समस्याओं के समाधान में पूरी पारदर्शिता, संवेदनशीलता और विश्वसनीयता बनाए रखें। मंत्री ने कहा कि सभी का लक्ष्य यह होना चाहिए कि किसान खुशहाल हों और उनकी खेती समृद्ध बने।
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बैठक में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की किस्तों में देरी और प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के दावों से संबंधित शिकायतों की भी जानकारी ली गई।
मंत्री ने निर्देश दिया कि इन दोनों योजनाओं से संबंधित शिकायतों का समाधान प्राथमिकता पर किया जाए और संबंधित अधिकारियों को किसानों से सीधा संपर्क कर उनका फीडबैक लेने के लिए कहा। उन्होंने दोहराया कि इन योजनाओं का उद्देश्य किसानों को आर्थिक सुरक्षा और राहत प्रदान करना है, इसलिए यह सुनिश्चित किया जाए कि किसान पूरी तरह से संतुष्ट रहें।