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पैडी वीडर मशीन क्या हैं? कब करें धान में इस्तेमाल

By : Tractorbird News Published on : 15-Jul-2024
पैडी

खरीफ फसलों में धान (paddy) का प्रमुख स्थान है। देश के अधिकांश राज्यों में धान की खेती होती है।

हालांकि निरंतर गिरते जल स्तर के कारण धान की खेती का क्षेत्र पहले से कम हो गया है लेकिन इसके उत्पादन को बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं।

ऐसे में किसानों को धान की खेती से अधिक पैदावार प्राप्त करने के लिए पैडी वीडर का इस्तेमाल करना चाहिए।

पैडी वीडर (paddy weeder) एक शक्तिशाली मशीन है जो धान की निराई को आसान बना देती है और खरपतवारों को नियंत्रित करती है।

धान की फसल में एक ऐसी समस्या है जिससे धान का उत्पादन प्रभावित होता है, वह है खरपतवार। धान के खेत को खरपतवार से दूर रखा जा सकता है, इससे अधिक उत्पादन मिल सकता है।

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पैडी वीडर मशीन क्या है?

पैडी वीडर मशीन, जिसे आमतौर पर राइस वीडर भी कहा जाता है, धान के खेतों में खरपतवार निकालने के लिए उपयोग की जाने वाली एक महत्वपूर्ण कृषि मशीन है।

यह मशीन किसानों को खेतों में खरपतवारों को प्रभावी ढंग से नियंत्रित करने में मदद करती है, जिससे फसल की उपज और गुणवत्ता में सुधार होता है।

पैडी वीडर मशीन के उपयोग से श्रम की बचत होती है और उत्पादन लागत कम होती है, जिससे किसानों को आर्थिक लाभ होता है।

पैडी वीडर मशीन के प्रकार

पैडी वीडर मशीन मुख्य रूप से दो प्रकार की होती हैं:

  • मैनुअल पैडी वीडर: यह हाथ से संचालित मशीन है जिसे किसान अपने हाथों से खेत में चलाते हैं। यह मशीन छोटे और मध्यम आकार के खेतों के लिए उपयुक्त होती है।
  • पॉवर पैडी वीडर: यह इंजन या मोटर से संचालित होती है और बड़े खेतों के लिए अधिक प्रभावी होती है। इसमें उच्च गति और क्षमता होती है, जिससे कम समय में अधिक काम किया जा सकता है।

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कब करें धान में खरपतवार नियंत्रण?

कृषि विज्ञानियों का कहना है कि 15 से 20 दिन की खेत में लगी धान की फसल को निराई करनी चाहिए। इससे खेत में नमी को सुरक्षित रखने के अलावा खरपतवार को नियंत्रित किया जा सकेगा।

यहां आपको बता दें कि मैनुअल तरीके से धान में खरपतवार निकालने के लिए काफी मजदूरों की आवश्यकता पड़ सकती है

लेकिन यही कार्य पैडी वीडर से किया जाए तो कम समय में किया जा सकता है, जिससे खर्च कम होता है और खेती की लागत कम होती है।

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