धान की खेती करने वाले किसानों के लिए तना छेदक कीट (स्टेम बोरर) एक गंभीर और आम समस्या है, जो फसल को भारी नुकसान पहुंचाती है और उत्पादन के साथ-साथ किसानों की आमदनी को भी प्रभावित करती है।
इसी चुनौती का समाधान लेकर आई है अग्रणी कृषि-रसायन कंपनी बायेर, जिसने जून 2025 से BICOTA नामक नया दवा उत्पाद लॉन्च करने की घोषणा की है।
यह नया उत्पाद स्टेम बोरर से प्रभावी सुरक्षा प्रदान करता है और धान की पैदावार और गुणवत्ता दोनों को बेहतर बनाता है।
BICOTA एक खास प्रकार का ग्रेन्युलर (दानेदार) कीटनाशी उत्पाद है, जिसे खेत की मिट्टी में सीधे डाला जाता है। यह पौधों में पहुंचते ही कीटों की गतिविधियों को तेजी से रोकता है, विशेषकर उनकी खाने की प्रक्रिया को तुरंत बंद कर देता है, जिससे पौधों को और अधिक नुकसान नहीं होता।
यह लंबे समय तक असरदार रहता है, जिससे किसानों को बार-बार दवा का छिड़काव नहीं करना पड़ता, जिससे श्रम और लागत दोनों में बचत होती है।
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BICOTA को इस प्रकार तैयार किया गया है कि यह इंटीग्रेटेड पेस्ट मैनेजमेंट (IPM) के सिद्धांतों के अनुकूल हो। यह दवा केवल हानिकारक कीटों को निशाना बनाती है और लाभकारी कीटों को नुकसान नहीं पहुंचाती, जिससे खेत में जैविक संतुलन बना रहता है।
इसका उपयोग करना बेहद आसान है – ग्रेन्युलर रूप होने के कारण इसे सीधे खेत में बिना किसी विशेष उपकरण के छिड़का जा सकता है।
यह उत्पाद भारत के प्रमुख धान उत्पादक राज्यों – पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना – में उपलब्ध होगा।
BICOTA एक स्मार्ट और व्यावहारिक समाधान है जो न सिर्फ कीटों से सुरक्षा देता है बल्कि फसल के सम्पूर्ण विकास में सहायक बनता है। इसकी लंबी अवधि तक असर देने वाली क्षमता, सरल उपयोग विधि और पर्यावरण के प्रति जिम्मेदार दृष्टिकोण इसे एक आधुनिक और टिकाऊ कृषि विकल्प बनाते हैं।
जो किसान स्टेम बोरर से परेशान हैं, उनके लिए यह एक नई आशा की किरण है, जिससे वे उत्पादन बढ़ाकर अपनी आय में सुधार कर सकते हैं।