खेती-किसानी के काम को सरल बनाने के लिए कृषि विश्वविद्यालयों और वैज्ञानिकों द्वारा अनेक नए कृषि उपकरण तैयार किए गए हैं, जिनसे किसानों को काफी लाभ हो रहा है।
ऐसा ही एक उपकरण है "फोल्डस्कोप," जो एक सस्ता और पोर्टेबल माइक्रोस्कोप है।
इसे स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के भारतीय-अमेरिकी वैज्ञानिक प्रोफेसर मनु प्रकाश और उनकी टीम ने 2014 में विकसित किया। यह उपकरण शिक्षा, शोध और निदान के क्षेत्र में उपयोगी साबित हो रहा है।
फोल्डस्कोप खेती और वैज्ञानिक शोध के लिए किफायती उपकरण है। किसान इसका उपयोग निम्नलिखित कार्यों के लिए कर सकते हैं:
फोल्डस्कोप से अब तक 16 प्रकार के फफूंद रोगों और उनके कारक जीवों की पहचान की जा चुकी है। जैसे- गोलोविनोमाइसेस सिचोर-एसेरम और एरीसिफे पॉलीगोनी।
यह न केवल खेती बल्कि पशुपालन में भी उपयोगी है। मवेशियों के कृत्रिम गर्भाधान के लिए वीर्य की गुणवत्ता का आकलन करने में इसका उपयोग किया गया है।
इसके परिणामस्वरूप गर्भधारण दर में सुधार हुआ है और मवेशियों की नस्लों की गुणवत्ता बेहतर हुई है।
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फोल्डस्कोप का उपयोग पांच जैविक कीटनाशकों और दो जैव एजेंटों के परीक्षण में किया गया है। इससे रासायनिक खेती पर निर्भरता कम हुई है और पर्यावरण-अनुकूल खेती को बढ़ावा मिला है।
प्रोफेसर मनु प्रकाश ने किसानों की समस्याओं को देखकर इस उपकरण को सस्ता, टिकाऊ और ग्रामीण क्षेत्रों में उपयोग के अनुकूल बनाया।
छत्तीसगढ़ में फोल्डस्कोप का उपयोग फसल सुरक्षा और पशुपालन को उन्नत बनाने के लिए किया जा रहा है।
राष्ट्रीय जैविक तनाव प्रबंधन संस्थान के सहयोग से इसे राज्य के 20 जिलों के किसानों में वितरित किया गया है।
यह उपकरण खेती और पशुपालन में वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाने में सहायक हो रहा है, जिससे किसानों की आय और फसलों की गुणवत्ता में सुधार हो रहा है।