सरकार किसानों की आय में वृद्धि और ग्रामीण इलाकों में रोजगार उत्पन्न करने के उद्देश्य से कई योजनाएँ लागू कर रही है।
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग स्थापित करने के लिए सरकार ने "प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना" शुरू की है।
मध्यप्रदेश में इस योजना का सफल क्रियान्वयन हुआ है, जिसके परिणामस्वरूप इसकी अवधि एक वर्ष के लिए बढ़ाई गई है।
राज्य के उद्यानिकी और खाद्य प्रसंस्करण मंत्री, नारायण सिंह कुशवाह ने कहा कि इस योजना के सफल क्रियान्वयन में मध्यप्रदेश देश के प्रमुख राज्यों में शामिल है।
केंद्र सरकार ने मध्यप्रदेश की इस सफलता को ध्यान में रखते हुए योजना की अवधि एक साल और बढ़ाने का निर्णय लिया है। मध्यप्रदेश में यह योजना 2020-21 से 2024-25 के बीच 5 वर्षों के लिए लागू की गई थी।
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खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में निजी और समूहों को प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना के तहत 35 प्रतिशत का अनुदान दिया जाता है, जो 10 लाख रूपये से अधिक नहीं हो सकता है।
युवा इससे प्रेरित होकर क्षेत्र में कृषि और उद्यानिकी क्षेत्रों में स्वयं की औद्योगिक संस्थाएं बनाने लगे हैं।
मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक कमेटी प्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना के लिए प्रस्तावों को परीक्षण करती है, फिर प्रस्तावों को केन्द्रीय इंटरमिनिस्ट्रियल इम्पावर कमेटी को भेजा जाता है।
मध्यप्रदेश ने योजना में आए 917 प्रस्तावों में से 420 प्रस्तावों को मंजूरी दी, जो इसे देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाता है।