अखिल भारतीय किसान सभा (AIKS) की हरियाणा राज्य कमेटी ने पराली जलाने पर किसानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की नीति का विरोध करते हुए ऐलान किया है कि किसानों के खिलाफ की गई कार्रवाई के विरोध में 28 अक्टूबर को प्रदेशभर में प्रदर्शन किया जाएगा।
यह निर्णय रोहतक में हुई राज्य स्तरीय बैठक में लिया गया।
एआईकेएस के राष्ट्रीय वित्त सचिव पी. कृष्ण प्रसाद ने संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) की राष्ट्रीय बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी देते हुए बताया कि दिल्ली कूच आंदोलन की चौथी वर्षगांठ के मौके पर 28 अक्टूबर को सभी जिलों में प्रदर्शन होगा, जिसमें केंद्र सरकार को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी, कर्ज माफी, और शहीद स्मारक बनवाने के लिए तीन महीने की चेतावनी दी जाएगी।
कृष्ण प्रसाद ने कहा कि यदि पराली से जुड़े मुद्दों का समाधान नहीं हुआ तो एक बड़ा राष्ट्रव्यापी आंदोलन शुरू किया जाएगा।
बैठक की अध्यक्षता कर रहे प्रदेश अध्यक्ष बलबीर सिंह ने कहा कि इस प्रदर्शन का उद्देश्य किसानों की उपज की समय पर खरीद, उर्वरकों की आपूर्ति सुनिश्चित करना और किसानों की समस्याओं का समाधान करना है।
बैठक में राज्य के किसानों की समस्याओं पर भी चर्चा की गई, जिसमें सभा ने कहा कि सरकार किसानों की उपज एमएसपी पर खरीदने का दावा कर रही है, लेकिन वास्तव में किसानों को धान, मूंगफली और मूंग की फसल एमएसपी से कम पर बेचनी पड़ रही है।
नमी और गुणवत्ता के बहाने कटौती की जा रही है, जिससे किसानों को नुकसान हो रहा है।
किसानों ने राजस्व विभाग द्वारा फसल नुकसान मुआवजा और प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के दावों के लंबित रहने पर भी नाराजगी जताई।
हरियाणा के विधानसभा चुनाव नतीजों की समीक्षा करते हुए किसान सभा ने कहा कि लगभग 60 प्रतिशत मतदाताओं ने भाजपा के खिलाफ मतदान किया है, जिससे यह दावा नहीं किया जा सकता कि जनता ने भाजपा को समर्थन दिया है।