किसानों के लिए खुशखबरी गैर-बासमती चावल के निर्यात से प्रतिबंध हटा
By : Tractorbird News Published on : 05-Oct-2024
हाल ही में केंद्र सरकार ने गैर-बासमती चावल के निर्यात से प्रतिबंध हटा दिया है, जिससे इस साल धान के बेहतर दाम मिलने की उम्मीद है।
चावल निर्यात पर से प्रतिबंध हटाने से मध्य प्रदेश के किसानों को भी फायदा होगा, क्योंकि वहां से चावल निर्यात में लगातार वृद्धि हो रही है।
सरकार के अनुसार, मध्य प्रदेश से पिछले 10 सालों में (2015-2024) 12,706 करोड़ रुपये का चावल निर्यात किया गया है, जिसमें सबसे ज्यादा 3,634 करोड़ रुपये का निर्यात इस साल हुआ है।
अंतर्गत विदेश व्यापार महानिदेशालय ने जारी की अधिसूचना
- वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार के अंतर्गत विदेश व्यापार महानिदेशालय ने 28 सितंबर को एक अधिसूचना जारी की, जिसमें गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात के लिए 490 डॉलर प्रति टन का न्यूनतम निर्यात मूल्य तय किया गया है।
- साथ ही, पारबॉइल्ड और ब्राउन चावल पर निर्यात शुल्क को 20% से घटाकर 10% कर दिया गया है, जिससे किसानों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में और अधिक लाभ मिल सकेगा।
मध्य प्रदेश के किसानो को होगा फायदा
- मध्य प्रदेश के जबलपुर, मंडला, बालाघाट, और सिवनी जिलों के किसानों को सरकार के इस फैसले का विशेष लाभ मिलेगा।
- ये क्षेत्र अपने उच्च गुणवत्ता वाले जैविक और सुगंधित चावल के लिए प्रसिद्ध हैं।
- मंडला और डिंडोरी के जनजातीय क्षेत्रों के सुगंधित चावल और बालाघाट के चिन्नौर चावल को जीआई टैग प्राप्त है, जिससे उन्हें अंतरराष्ट्रीय बाजार में पहचान मिली है।
- सरकार के अनुसार, मध्य प्रदेश से चावल के प्रमुख निर्यात बाजारों में चीन, अमेरिका, यूएई, और यूरोप के कई देश शामिल हैं।
- इस निर्णय से राज्य के चावल उत्पादकों की आय में वृद्धि होगी और जनजातीय क्षेत्रों के उत्पादों को भी वैश्विक पहचान मिलेगी।
- चावल उद्योग ने राज्य में हाल के वर्षों में काफी उन्नति की है, और 200 से अधिक नई चावल मिलों की स्थापना हुई है।
- इस फैसले से किसानों और निर्यातकों को अच्छा मुनाफा मिलने की संभावना है, क्योंकि वे अपने चावल को न्यूनतम निर्यात मूल्य से ऊंची दरों पर अंतरराष्ट्रीय बाजार में बेच सकेंगे।