सीएनबीसी टीवी18 को सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, उत्तर प्रदेश सरकार गन्ना किसानों के लिए बड़ी घोषणा कर सकती है। स्टेट एडवाइस्ड प्राइस (SAP) में 25 रुपये प्रति क्विंटल का इजाफा हो सकता है, सूत्रों का कहना है। गन्ने के पिराई सीजने की लागत अक्टूबर से बढ़ सकती है।
केंद्र सरकार ने इससे पहले गन्ने की एफआरपी को बढ़ा दिया था। गन्ने की फसल पर 10 रुपये प्रति क्विंटल अधिक मूल्य मिलेगा। FRP (गन्ना खरीद मूल्य) 305 रुपये प्रति क्विंटल से 315 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है।
अगस्त 2022 में सरकार ने पहले ही गन्ने के एफआरपी मूल्य में इजाफा किया था। तब सरकार ने इसे 15 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाकर 305 रुपये कर दिया। FRP चीनी मिले किसानों से गन्ना खरीदने का सबसे कम मूल्य है। हर साल कृषि खर्च एंड प्राइसेज कमीशन (सीएसीपी) एफआरपी की सिफारिश करता है।
सीएसीपी गन्ना सहित प्रमुख कृषि उत्पादों की लागत की सिफारिश सरकार को भेजती है। सरकार इस सिफारिश पर विचार करके उसे लागू करती है। 1966 के सरकारी गन्ना (नियंत्रण) आदेश के तहत एफआरपी निर्धारित है। एफआरपी में बढ़ोतरी से किसान सीधे लाभ उठाते हैं। किसानों को गन्ना बेचने से अधिक पैसा मिलता है।
राज्य सरकार इसके बाद किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए मूल्यों को बढ़ाती है। एसएपी (स्टेट एडवाइस्ड प्राइस) यह शब्द है। किसानों को फायदा पहुंचाने के लिए उत्तर प्रदेश और हरियाणा सरकार अक्सर लागत बढ़ाती है।