प्राकृतिक और जैविक खेती के लिए सरकार ने चलाई नई योजनाएँ

By : Tractorbird News Published on : 08-Aug-2024
प्राकृतिक

सरकार जैविक और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दे रही है ताकि देश में फसल उत्पादन की लागत को कम करने और किसानों की आय को बढ़ाने के साथ ही लोगों को गुणवत्तापूर्ण फसल मिल सके। 

इसके लिए केंद्र सरकार ने देश भर में कई कार्यक्रम बनाए हैं। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री रामनाथ ठाकुर ने लोकसभा में देश में जैविक खेती को बढ़ावा देने की योजनाओं की जानकारी दी 

राष्ट्रीय मृदा स्वास्थ्य और जल धारण क्षमता में सुधार करने के लिए सरकार ने 2015-16 से परंपरागत कृषि विकास योजना और मिशन जैविक मूल्य श्रृंखला विकास योजनाओं के माध्यम से जैविक खेती को प्राथमिकता दी है। 

दोनों योजनाओं में जैविक खेती में लगे किसानों को उत्पादन से लेकर प्रसंस्करण, प्रमाणन और विपणन तक सभी प्रकार की सहायता देने पर बल दिया गया है, साथ ही साथ कटाई के बाद प्रबंधन प्रशिक्षण और क्षमता विकसित करने पर भी ध्यान दिया गया है।

परम्परागत कृषि विकास योजना के तहत सरकर देती है किसानों को बंपर अनुदान

  • जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए परम्परागत कृषि विकास योजना के तहत किसानों को हर हेक्टेयर 31,500 रुपये की कुल सहायता दी जाती है, जो तीन वर्षों के लिए दी जाती है। 
  • विभिन्न भागों में प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण, डेटा प्रबंधन, भागीदारी गारंटी प्रणाली-भारत प्रमाणन, मूल्य संवर्धन, विपणन और प्रचार शामिल हैं। 
  • इसमें से किसानों को प्रत्यक्ष बैंक हस्तांतरण के माध्यम से प्रति हेक्टेयर 15,000 रुपये की सहायता ऑन-फार्म और ऑफ-फार्म जैविक निवेश के लिए तीन वर्षों के लिए दी जाती है। 

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जैविक मूल्य श्रृंखला विकास मिशन से भी किसानों को मिलता है अच्छा मुनाफा 

  • जैविक मूल्य श्रृंखला विकास मिशन द्वारा पूर्वोत्तर क्षेत्र के किसानों को 3 वर्षों के लिए 46,500 रुपये प्रति हेक्टेयर की सहायता दी जाती है, जिसमें जैविक निवेश, गुणवत्ता वाले बीज और रोपण सामग्री, प्रशिक्षण, मार्गदर्शन और प्रमाणन शामिल हैं। 
  • इसमें से, योजना किसानों को 3 वर्षों के लिए 32,500 रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से ऑफ-फार्म और ऑन-फार्म जैविक निवेश के लिए सहायता प्रदान करती है.
  • इस योजना में किसानों को सीधे बैंक में 15,000 रुपये और राज्य अग्रणी एजेंसी को रोपण सामग्री के लिए 17,500 रुपये मिलते हैं।

पीएम-प्रणाम योजना 

भारत सरकार ने मृदा परीक्षण आधारित सिफारिश के अनुसार जैविक और जैव उर्वरक के संतुलित उपयोग को प्रोत्साहित किया है। 

सरकार “धरती माता के पुनरुद्धार, जागरूकता, पोषण और सुधार के लिए प्रधानमंत्री कार्यक्रम (पीएम-प्रणाम)” नामक योजना को लागू करने के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को वैकल्पिक उर्वरकों (जैविक और जैव) के उपयोग को प्रोत्साहित कर रही है, जिससे सतत उत्पादकता और मृदा स्वास्थ्य में सुधार होगा। 

जैविक और प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहन देने के लिए, कार्यक्रम राज्य सरकारों को उर्वरक सब्सिडी की बचत का पचास प्रतिशत तक प्रोत्साहन देगा। 

साथ ही सरकार ने जैविक उर्वरक, तरल किण्वित जैविक खाद और किण्वित जैविक खाद के लिए 1,500 रुपये प्रति मीट्रिक टन की बाजार विकास सहायता की घोषणा की है।

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