फरवरी में तापमान रिकॉर्ड बढ़ने के चलते IMD की तरफ से किसानों के लिए कृषि संबंधी सलाह

By : Tractorbird News Published on : 24-Feb-2023
फरवरी

महत्वपूर्ण पश्चिमी विक्षोभ की अनुपस्थिति के कारण पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में मौसम में काफी बदलाव आ गया है। फरवरी अधिकतम तापमान 04-05 डिग्री सेल्सियस ऊपर है, सामान्य और न्यूनतम तापमान सामान्य से लगभग 06-08 डिग्री सेल्सियस अधिक है। 

यह मौसम की स्थिति गेहूं पर ज्यादा असर कर सकती है क्योकि गेहूं प्रजनन वृद्धि की अवधि के करीब पहुंच रहा है जो तापमान के प्रति संवेदनशील है; पोस्ट एंथेसिस अवधि के दौरान उच्च तापमान से उपज में कमी आती है। अचानक तापमान में वृद्धि से कई फसलों पर प्रभाव हो सकता है। 

भारतीय मौसम विज्ञानं विभाग ने तापमान में वृद्धि को देखते हुए फसलों के लिए कई जानकारी और कृषि संबंधी सलाह लागु की है हम इस लेख में इसी बारे में चर्चा करने वाले है की किस प्रकार किसान इन कृषि संबंधी सलाह को अपना कर अच्छी उपजन ले सकता है।  

गेहूँ की फसल के लिए कृषि संबंधी सलाह

  • गेहूँ की फसल को उच्च तापमान के प्रतिकूल प्रभाव से  बचाने के लिए हल्की सिंचाई करें। 
  • इसके आलावा किसान पानी में 4 किलो पोटेशियम नाइट्रेट घोलकर 2% पोटेशियम नाइट्रेट (13:0:45) के दो स्प्रे भी लगा सकते हैं। 
  • बूट लीफ (जब गेहूँ की बालिया निकलती है) और एंथेसिस चरणों में 200 लीटर पानी में या 15 ग्राम सैलिसिलिक एसिड घोलकर दो स्प्रे करने से फसल में अच्छी पैदावार होती है। इसके अलावा 450ml एथिल अल्कोहल में सैलिसिलिक एसिड, 200 लीटर पानी प्रति एकड़ बूट लीफ और शुरुआती  अवस्था में उपयोग करके अनाज भरने पर उच्च तापमान के प्रभाव को कम करने में और गेहूं की उपज में वृद्धि में अच्छा उपाय साबित हो सकता है। 
  • हैप्पी सीडर के साथ बोई गई गेहूं की फसल में 2% जिंक फॉस्फाइड के साथ दो बार बुवाई करके कृंतक कीटों का प्रबंधन करें। 
  • पीला रतुआ लगने के लिए भी परिस्थितियां अनुकूल हो रही हैं, नियमित रूप से इसका सर्वेक्षण करें, यदि फसल में लक्षण दिखे तो मौसम साफ होने के बाद कस्टोडिया/कैविएट/ओपेरा/टिल्ट/स्टिल्ट/बम्पर/शाइन/मार्कज़ोल @0.1% या नैटिवो @0.06% छिड़काव करें सकते है और पिंक स्टेम बोरर के प्रबंधन के लिए, 7 किलो मोर्टेल/रीजेंट 0.3 जी या 1 लीटर डर्सबन 20 ईसी डालें। 
  • गेहूं के करनाल बंट मुक्त बीज का उत्पादन करने के लिए प्रति एकड़ बालिया निकलने की अवस्था में 200 मिली टिल्ट का एक स्प्रे 200 लीटर पानी से करें।
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तिलहन फसलों  के लिए कृषि संबंधी सलाह

  • जैसे-जैसे तापमान बढ़ रहा है, फसल को ध्यान से देखें। एक एकड़ में फैले हुए 12-16 पौधों का निरीक्षण करें और यदि माहू की 
  • आबादी ETH स्तर से ऊपर है तो 40 ग्राम एक्स्ट्रा 25 WG या 400 मिली रोगोर 30 EC या 600 मिली डर्सबन/कोरोबन 20EC का छिड़काव 80-125 लीटर पानी में घोल बनाकर प्रति एकड़ में करें। रोगोर का उपयोग लीफ माइनर को नियंत्रित करने के लिए भी किया जा सकता है। 

गन्ना के लिए कृषि संबंधी सलाह

गन्ने की अनुशंसित किस्मों जैसे CoPB-95, CoPB-96, Co15023, CoPB-92, Co118, CoJ-85, CoJ-64, CoPB-94, CoPB-93, CoPB-98, CoPB-91, Co-238, CoJ-88 मध्य मौसम और देर से परिपक्व होने के लिए बुवाई किसान इस समय शुरू करें सकते है। 

सब्जी वाली फसलों के लिए कृषि संबंधी सलाह

  • जल्दी बोई जाने वाली सब्जियों में निचली सुरंगों से पॉलिथीन शीट हटा दें। 
  • यह भिंडी और लोबिया की सीधी बुवाई के लिए भी सही समय है और खरबूजा, ककड़ी, करेला, खीरे, लौकी, कद्दू, लौकी, स्क्वैश आदि फसलों के लिए भी उत्तम समय है।
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बागवानी फसलों के लिए कृषि संबंधी सलाह

  • सदाबहार फलों के पौधों की सुरक्षा के लिए बने छप्पर या आवरण को हटा दें। इस समय इसमें हल्की सिंचाई की जा सकती है। 
  • बेर में पाउडरी मिल्ड्यू को वेटेबल सल्फर @ 2.5 ग्राम प्रति लीटर पानी के स्प्रे और ब्लैक स्पॉट रोग के साथ प्रबंधित किया जा सकता है।
  • इस महीने के दौरान बोर्डो मिश्रण (2:2:250) के छिड़काव से बेर में प्रबंधन किया जा सकता है। इस समय बेर के बागों में एक सिंचाई करें क्योंकि पेड़ फलों से लदे होते हैं।
  • खट्टे, आड़ू और बेर के बागों में हल्की सिंचाई करें और अकार्बनिक उर्वरकों की अनुशंसित खुराक का प्रयोग करें।
  • विभिन्न फलों के पौधों में रस चूसने वाले कीटों की घटनाओं की नियमित निगरानी करें और सिफारिशों के अनुसार इनका प्रबंधन करें।

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