राजस्थान राज्य में वर्षा के साथ हुई ओलावृष्टि से फसलें बेहद गंभीर रूप से प्रभावित हुई हैं। राज्य सरकार द्वारा जिलाधिकारियों को किसानों की फसल में हुई हानि का सर्वेक्षण करने हेतु निर्देशित किया जाता है। इसके उपरांत किसानों को मुआवजा प्रदान किया जाता है।
भारत के कई विभिन्न भागों में अत्यंत बारिश पड़ रही है। इसके अतिरिक्त भारत के विभिन्न स्थानों पर ओलावृष्टि का नजारा सामने देखने को मिल रहा है। खबरों के अनुसार, बारिश एवं ओलावृष्टि के साथ तीव्र हवाओं से किसानों की फसलों को बेहद गंभीर हानि हो रही है।
सरसों, चना, गेहूं, मटर को खासा नुकसान हुआ है। किसानों की लाखों रुपये की फसलें नष्ट हो चुकी हैं। जिन प्रदेशों में वर्षा, ओलावृष्टि फसलों को हानि पहुंच रही हैं। सरकार भी किसानों की सहायता करने के लिए कदम बढ़ा रही हैं।
राजस्थान राज्य में ओलावृष्टि, पाला और शीतलहरों ने रबी फसलों को काफी प्रभावित किया है। वास्तव में किसानों को कितनी हानि हुई है, इसकी जानकारी एकत्रित करने हेतु राज्य सरकार द्वारा कदम उठाया गया है। राज्य सरकार द्वारा समस्त जनपदो के जिलाधिकारियों को निर्देशित किया गया है, कि राज्य में पाला, शीतलहर, ओलावृष्टि ने रबी फसलों को हानि पहुंचाई है।
इसका विभागीय स्तर से आंकलन होना चाहिए। इसी के तहत किसानों को मुआवजा प्रदान किया जाएगा। यह जानकारी राज्य विधान सभा में राज्य कृषि मंत्री लाल चंद कटारिया ने दी है।
ये भी पढ़ें: राजस्थान सरकार मशरूम उत्पादकों को 8 लाख रुपए का अनुदान दे रही है
राजस्थान के कृषि मंत्री द्वारा समस्त जनपदों के कलेक्टर को निर्देश जारी किए हैं, कि प्रदेश के जिन जनपदों में ओलावृष्टि से फसलों को हानि हुई है। प्रदेश के जिला कलेक्टर अतिशीघ्र हानि का सर्वेक्षण कराएं। जिला कलेक्टर सर्वेक्षण करके प्रमुख गिरदावरी की रिपोर्ट आपदा प्रबंधन विभाग को शीघ्र प्रस्तुत कर दें।
किसानों की हानि का आंकलन करने हेतु प्रशासनिक टीम खेतों पर पहुँचेगी। जमीनी आंकलन कर ही रिपोर्ट शीर्ष अफसरों के समक्ष पेश की जाएगी। कृषि मंत्री ने कहा है कि किसानों को आपदा राहत कोष एवं प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से फायदा देने का प्रयास किया जा रहा है।
साथ ही, निर्देश दिए गए हैं, कि अगर किसान की फसल खराब हुई है, तो 72 घंटे के अंदर जिला प्रशासन को सूचित करें।