विदेशों में बनी राउंड बेलर मशीन किसानों के लिए उम्मीद की किरण बनकर आई है, जिससे अब किसानों को पराली को आग नहीं लगानी पड़ेगी। खेतों में पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण के कारण आम आदमी से लेकर देश और प्रदेश की सरकारों की नाक में दम कर रखा है। किसी को समझ नहीं आ रहा कि पराली से निजात कैसे पाई जाए। इसी बीच विदेशों में बनी मशीन राउंड बेलर किसानों के लिए उम्मीद की किरण बनकर आई है और इससे उन्हें मुनाफा भी होगा। यह मशीन पराली को नीचे से काट कर इस की गांठें बना देती है। एक दिन में एक मशीन 70 एकड़ जमीन पर पराली को काटकर गांठें बना सकती है।
मशीन विदेश से मंगवाई जाती है, इसके पुर्जों को लुधियाना और मोहाली में जोड़ा जाता है। राउंड बेलर की बड़ी मशीन 38 लाख रुपये की है। इसे चलाने के लिए 120 HP क्षमता वाले ट्रैक्टर की जरूरत होती है। पांच लाख रुपये का रैक मशीन से पहले पराली की कटाई करता है। गांठों को उठाने के लिए जेसीबी मशीन की जरूरत पड़ती है। छोटी मशीन के लिए 90 HP के ट्रैक्टर की जरूरत पड़ती है, लेकिन इससे एक दिन में 40 से 45 एकड़ में ही पराली की गांठें बनती हैं।
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धान की कटाई के बाद खेत में दो बार कटर चला कर पराली को जमीन के पास से काटा जाता है। फिर इसे खेत मे ही सुखा कर रैक चला कर एकत्रित किया जाता है, फिर राउंड बेलर मशीन से इस की गांठें बनाई जाती हैं। बड़ी मशीन दो मिनट में आठ क्विंटल की गांठ बना देती है।