वर्टीकल फार्मिंग (Vertical Farming) क्या है? और इसके लाभ से जुड़ी जानकारी
By : Tractorbird News Published on : 06-Nov-2024
आज के आधुनिक युग में खेती में भी आधुनिकता आ गयी है खेती के तरीके बदलने लग गए। नई तकनीकों से खेती करने से अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है।
इसके बीच वर्टीकल फार्मिंग (ऊर्ध्वाधर खेती) भी आज कल बहुत चर्चा में हैं।
खेती की इस तकनीक में सीमित भूमि पर अधिक फसलें उगाई जा सकती है। इस लेख में आप इसके बारे में विस्तार से जानेंगे।
वर्टीकल फार्मिंग क्या होती है? (what is vertical farming?)
- वर्टीकल फार्मिंग का अर्थ है की फसलों को एक ही जगह पर कई स्तरों में उगाया जाता है। वर्टीकल फार्मिंग में नियंत्रित वातावरण में पौधों को उगाया जाता है।
- खेती की इस पद्धति में पारंपरिक कृषि पद्धतियों की तुलना में व्यापक भूमि और जल संसाधनों की आवश्यकता कम हो जाती है।
- यह खेती प्रणाली नियंत्रित पर्यावरण कृषि (सीईए) तकनीक का उपयोग करती है, जो आर्द्रता, तापमान, गैसों और प्रकाश को नियंत्रित करती है।
- उदाहरण के लिए, कृषक कृत्रिम प्रकाश और धातु परावर्तकों का उपयोग करके प्राकृतिक सूर्य के प्रकाश की नकल करते हैं
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वर्टीकल फार्मिंग के लाभ और प्रमुख विशेषताएँ (advantages of vertical farming)
कम स्थान का उपयोग
- पारंपरिक खेती में कई एकड़ भूमि की आवश्यकता होती है अधिक भूमि में ही बुवाई करके अधिक उपज की जा सकती है।
- ऊर्ध्वाधर (vertical) स्तरों में फसलें उगाने से कम जगह में अधिक उत्पादन होता है।
- ये फसलें सभी प्रकार की परिस्थितियों और क्षेत्रों में उग सकती हैं क्योंकि ये गैर-मिट्टी वाले माध्यमों का उपयोग करती हैं।
पानी की बचत
खेती की इस पद्धति में कम पानी की आवश्यकता होती है, ऐसी खेती पद्धतियाँ उपलब्ध कराए गए पानी का केवल 10% उपयोग करती है। इसलिए इस विधि में 90 % पानी की बचत होती है।
अधिक उत्पादन
इस खेती से कम स्थान पर अधिक उपज प्राप्त की जा सकती है, क्योंकि ऐसी खेती तकनीक सूर्य की रोशनी, मौसम, पानी और क्षेत्र जैसे बाहरी कारकों से स्वतंत्र होती है इसलिए इस तकनीक में 365 दिनों के लिए विश्वसनीय फसल उत्पादन मिलता रहता है।