ई-फसल आधारित स्मार्ट खेती से फसलों की पैदावार में काफी इजाफा होगा

By : Tractorbird News Published on : 24-Aug-2023
ई-फसल

ई-फसल आधारित स्मार्ट फार्मिंग (ई-सीबीएसएफ) एक इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) उपकरण है, जो हमारी फसल की उपज को प्रोत्साहित करता है।

ई-फसल आधारित स्मार्ट फार्मिंग (ई-सीबीएसएफ) एक इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) उपकरण है, जो अपने वैज्ञानिक तकनीक के माध्यम से मौसम व मिट्टी की स्थिति का मुआयना करता है। साथ ही, उसमें सही एवं सटीक फसल पैदा करने की जानकारी उपलब्ध कराता है। 

इस तकनीक को आईसीएआर-सीटीसीआरआई, तिरुवनंतपुरम के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. संतोष मिथरा द्वारा विकसित किया गया था। इस उपकरण के जरिए से खेती में बेहतर पैदावार करने और खेत की फसलों की पोटेशियम, नाइट्रोजन, फास्फोरस एवं पानी जैसी जरूरतों की पूर्ति करता है।

ई-फसल आधारित स्मार्ट खेती से क्या-क्या लाभ होते हैं?

आपकी जानकारी के लिए बतादें, कि इस युग में कृषि में प्रौद्योगिकी की बहुत आवश्यकता होती है। यह तकनीक प्रदूषण को काफी कम कर सकती है। साथ ही, जलवायु को स्वस्थ भी बनाए रखने में सहायता करती है। 

इसके सहयोग से समुचित वक्त पर पौधों के विकास के साथ उसका फर्टिगेशन कर उर्वरक और पानी की अच्छी खासी मात्रा प्रदान की जा सकती है। यह तरीका पारंपरिक खेती की तुलना में बहुत ही फायदेमंद है। 

ई-सीबीएसएफ के इस्तेमाल का क्या तरीका है?

यह ई-क्रॉप फर्टिगेशन तकनीक अपनी एआई तकनीक के जरिए से जरूरतों को टेक्स्ट संदेश के जरिए से स्मार्ट फर्टिगेशन सिस्टम को भेजता है। सिस्टम संदेशों को डिकोड करता है। साथ ही, संदेश में मात्रा के मुताबिक संबंधित कंटेनर से पोटेशियम, पानी, नाइट्रोजन और फॉस्फोरस को पौधों को प्रदान करता है। 

बतादें, कि इसके बाद यह इन सभी तत्वों को मिश्रण कक्ष में भेजता है, जहां पोषक तत्वों को जल के साथ मिश्रित किया जाता है। साथ ही, ड्रिप स्प्रिंकलर के जरिए से फसलों तक पहुंचाया जाता है। इस तकनीक का सबसे बेहतर लाभ यह है, कि इसे आप मोबाइल उपकरण के जरिए से दुनिया के किसी स्थान से भी संचालित कर सकते हैं। 

इस तकनीक को कसावा, शकरकंद एवं केले जैसी विभिन्न फसलों पर उपयोग किया जा सकता है. यह पारंपरिक खेती की तुलना में 50% अधिक उपज देता है। 




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