आलू की अच्छी पैदावार के लिए कौन कौन से खाद और पोषक तत्व डालने चाहिए?

By : Tractorbird News Published on : 03-Jan-2023
आलू

आलू की फसल को कई पोषक तत्वों की जरुरत होती है। अगर आप समय पर पोषक तत्वों और खाद का सही मात्रा में प्रयोग करेंगे तो आप अपनी आलू की फसल से अच्छी पैदावार ले सकते है। 

आलू की अच्छी पैदावार के लिए क्या करें?

अच्छे उत्पादन के लिए आलू के पौधों को आमतौर पर काफी मात्रा में पोषक तत्वों की जरुरत पड़ती है। आजकल किसान पौधों के विकास के सम्पूर्ण 3-4 महीनों के दौरान 1 से 5 बार खाद डालते हैं। ज्यादातर किसान पौधे लगाते समय ही नाइट्रोजन-फॉस्फोरस-पोटैशियम 15-15-15 डालते हैं (हम ज्यादातर आलू लगाने वाली मशीनों में मिट्टी के लिए खाद डाल सकते हैं)। यह विशेष रूप से उन खेतों में डाला जाता है जहाँ पिछले छह महीने के दौरान सब्जियों की खेती की गयी है। N-P-K 15-15-15 में मौजूद पोटैशियम मजबूत तनों के विकास को प्रेरित करता है और बाहरी कोशिकीय भित्तियों को मोटा करके कुछ बीमारियों और कीटाणु के प्रति सहनशीलता प्रदान करता है।

नियमानुसार, पहले दो महीने के दौरान आलू के पौधों को नाइट्रोजन (N-P-K 34-0-0) की बहुत ज्यादा जरुरत होती है (जब पौधे की पत्तियों वाला हिस्सा तेजी से बढ़ता है)। दूसरे महीने से लेकर कटाई से दो सप्ताह पहले तक, पौधों को सही आकार के आलुओं का उत्पादन करने के लिए ज्यादा पोटैशियम (19:19:19 या 14-7-21) की आवश्यकता होती है। इसके अलावा, कई किसान दूसरे और तीसरे महीने के दौरान अक्सर पत्तियों वाली खाद भी डालते हैं, विशेष रूप से जब आलू के पौधों में सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी पायी जाती है।

कई किसान जब 60 दिन से कम की फसल में कोई भी पोषक तत्व दे तो ये विशेष धयान रखे की अगर आप की फसल 55 दिन की हो गयी है तो आप इस में 0:52:34 का स्प्रे कर सकते है| आप 50 दिन की फसल में 0:0:50 का प्रयोग ना करें क्योंकि अगर आप इस समय पर पोटाश की अधिक मात्रा देंगे तो फसल समय से पहले तैयार हो जाएगी जिसके कारण आप को आलू का पूरा आकर नहीं मिलेगा। आप 0:0:50 का प्रयोग 60-65 दिन से ऊपर की फसल में कर सकते है इससे आप को अच्छा फायदा मिलेगा। 

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हालाँकि, ये कुछ सामान्य कार्यक्रम हैं जिन्हें आपको अपने खुद के शोध किये बिना पालन नहीं करना चाहिए। हर खेत अलग होता है और इसकी जरूरतें भी अलग होती हैं। कोई भी खाद डालने की विधि प्रयोग करने से पहले मिट्टी के पोषक तत्वों और pH की जांच करना जरुरी है। आप अपने स्थानीय लाइसेंस-प्राप्त कृषि विशेषज्ञ से परामर्श ले सकते हैं। 


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