बिहार में खेती को लाभकारी बनाने की दिशा में बड़ा कदम: कृषि कार्यों में ड्रोन तकनीक को बढ़ावा

By : Tractorbird Published on : 19-May-2025
बिहार

बिहार सरकार ने राज्य में खेती की लागत कम करने और फसलों की पैदावार बढ़ाने के उद्देश्य से ड्रोन तकनीक के उपयोग को प्रोत्साहित करने की दिशा में अहम पहल की है। 

उपमुख्यमंत्री सह कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2025-26 में कृषि ड्रोन के माध्यम से कीटनाशक और तरल उर्वरक के छिड़काव की योजना को मंजूरी दी गई है। 

इस योजना के तहत राज्य के सभी 38 जिलों में आधुनिक ड्रोन तकनीक का उपयोग कर कम समय में अधिक क्षेत्र में प्रभावी छिड़काव सुनिश्चित किया जाएगा।

ड्रोन तकनीक: आधुनिक खेती की नई दिशा

  • कृषि मंत्री ने बताया कि ड्रोन से छिड़काव के माध्यम से पारंपरिक खेती के तरीकों में क्रांतिकारी बदलाव आ रहा है। ड्रोन से न केवल समय और श्रम की बचत होती है, बल्कि कृषि लागत में भी भारी कमी आती है। 
  • एक ड्रोन मात्र 10–12 मिनट में 1 एकड़ भूमि पर प्रभावी छिड़काव कर सकता है और प्रति उड़ान 10 लीटर कीटनाशी, फफूँदनाशी या तरल उर्वरक का छिड़काव कर सकता है। इससे फसल की गुणवत्ता और उत्पादकता में वृद्धि होती है।

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जैविक खेती और ड्रोन छिड़काव के लिए सरकार देगी सब्सिडी

  • राज्य सरकार के अनुसार, वर्ष 2024-25 में 27,666 एकड़ क्षेत्रफल पर ड्रोन से छिड़काव किया गया था। यह लक्ष्य 2025-26 में बढ़ाकर 56,050 एकड़ किया गया है। 
  • किसानों को इस योजना के अंतर्गत प्रति एकड़ अधिकतम ₹240 या छिड़काव लागत का 50% अनुदान दिया जाएगा। एक किसान अधिकतम 15 एकड़ क्षेत्र के लिए दो बार अनुदान प्राप्त कर सकता है।
  • ड्रोन से एनपीके कंसोर्टिया, नैनो यूरिया, नैनो डीएपी, सूक्ष्म पोषक तत्वों जैसे तरल उर्वरकों का छिड़काव कर फसलों की पोषण गुणवत्ता में भी वृद्धि की जा सकती है। 
  • इससे पर्यावरणीय प्रभाव भी कम होता है, क्योंकि ड्रोन तकनीक से कीटनाशी, पानी और उर्वरक की खपत में कमी आती है।

किसानों को तकनीकी रूप से सशक्त बनाएगा यह प्रयास

यह योजना राज्य के किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के साथ-साथ स्मार्ट खेती और टिकाऊ कृषि को बढ़ावा देने का कार्य करेगी। सरकार का यह प्रयास पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने, खेती की लागत घटाने और कृषि आय बढ़ाने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा।

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